उत्तराखंड: कोरोना वायरस की प्रदेश में ‘ENTRY’ से लेकर अब तक का पूरा अपडेट पढ़ लीजिये
पूरे देश के साथ ही उत्तराखंड में कोरोना की रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही है। रविवार को प्रदेश में कोरोना के 31 मरीज सामने आए।
इसके साथ ही सूब में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 3100 के पार जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी किए गए हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक राजधानी देहरादून में सबसे ज्यादा 12 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। जबकि नैनीताल में सात मरीज सामने आए हैं। वहीं, ऊधमसिंह नगर और उत्तरकाशी में चार-चार संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा अल्मोड़ा, बागेश्वर, पौड़ी और हरिद्वार में एक-एक कोरोना पॉजिटिव मिला है। प्रदेश में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 3124 हो गई है। जबकि किलर वायरस ने अब तक 42 लोगों की जान ले ली है। राहत की बात ये है कि 2524 लोग इस वायरस को मात देकर अस्पताल से घर लौट चुके हैं। प्रदेश में 530 एक्टिव केस हैं।
कैसी है किलर वायरस से निपटने की सरकार की तैयारी?
कोरोना वायरस के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन उतनी तेजी से सरकार इस बीमारी से निपटने की तैयारी कर रही है। प्रदेश में अब तक 340 कोविड केयर सेंटर बनाए जा चुके हैं। इन सेंटरों में 22 हजार 600 बेड खाली हैं। स्वास्थ्य विभाग का वायरस को स्प्रेड होने से रोकने के लिए कांटैक्ट ट्रेसिंग और सर्विलांस पर जोर है। प्रभारी सचिव डॉ.पंकज कुमार पांडेय के मुताबिक सूबे में जिस तादाद में रोज कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं, उसकी तुलना में सरकार के इंतजाम कई गुना बेहतर हैं। कोविड केयर सेंटरों के अलावा पांच कोविड अस्पतालों में 825 और 12 कोविड हेल्थ सेंटरों में एक हजार से ज्यादा बेड की व्यवस्था की गई है।
प्रदेश में फिलहाल कितने कंटेनमेंट जोन हैं?
कंटेनमेंट जोन की तादाद हर बदलते दिन के साथ घटती-बढ़ती रहती है। फिलहाल कंटेनमेंट जोन की संख्या में धीरे-धीरे से ही, लेकिन कमी आ रही है। प्रदेश के 30 इलाके कंटेनमेंट जोन से बाहर हो गए हैं। मौजूदा वक्त में छह जिलों में 82 कंटेनमेंट जोन है। जिसमें सबसे ज्यादा कंटेनमेंट जोन हरिद्वार में है। यहां 61 कंटेनमेंट जोन है। जबकि देहरादून में कंटेनमेंट जोन की संख्या घर कर फिलहाल 6 रह गई है। ऊधम सिंह नगर जिले में चार, टिहरी में पांच, उत्तरकाशी में चार और नैनीताल जिले में दो कंटेनमेंट जोन है। आपको बता दें कि अनलॉक 2 करीब-करीब सब कुछ खुल गया है। कंटेनमेंट जोन में जरूरी सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी तरह की गतिविधियों और लोगों के आवाजाही पर रोक है।