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उत्तराखंड: बड़ी तादाद में नेपाली नागरिकों के भारत आने की वजह क्या है, इससे भारतीयों को क्या नुकसान होगा?

कोरोना महामारी ने भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। एक तरफ वायरस की चपेट में आ रहे लोग, दूसरी तरफ इस महामाही की वजह से बड़ी तादाद में जा रही लोगों की नौकरियां लोगों के लिए मुसीबत बन रही है।

पड़ोसी मुल्क नेपाल से पहले लोग बड़ी तादाद में रोजगार की तलाश में भारत आते थे, लेकिन कोरोना महामारी के दौर ये संख्या घट गई थी। अब एक बार फिर पेट डर पर भारी पड़ रहा है। बेरोजगारी के चलते बड़ी तादाद में नेपाली कोरोना के डर को भी दरकिनार कर रहे हैं। उत्तराखंड में बनबसा सीमा से हर दिन नेपाली नागरिक रोजगार की तलाश में भारत में प्रवेश कर रहे हैं। पिछले तीन महीने में करीब आठ हजार नेपाली नागरिक भारत पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड से लगी नेपाल की सीमा के रास्ते हर दिन करीब 100 लोग पड़ोसी मुल्क से यहां आ रहे हैं।

आपको बता दें कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से भारत में रह रहे नेपाली बड़ी तादाद में अपने देश लौट गए थे। कई महीने गुजरने के बाद भी जब वहां रोजगार नहीं मिला तो एक बार फिर वो भारत का रुख कर रहे हैं। नेपाली नागरिक भारत में निर्माण कार्य, बागानों, होटलों, चौकीदारी और घरों पर काम करने के लिए आते हैं। नेपाल के मुकाबले उन्हें यहां ज्यादा मजदूरी मिल जाती है। हालांकि उनके यहां आने से अब यहां इस तरह का काम करने वालों के ली टेंशन बढ़ गई है। पहले ही बेरोजगारी की मार झेल रहे लोगों को डर सताने लगा है कि अब उन्हें नौकरी मिलने में और दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

इस मुश्किल घड़ी में भारत ने भले ही नेपाल के नागरिकों को यहां आने की इजाजत दे दी हो, लेकिन नेपाल ने भारतीय नागरिकों को नेपाल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी है, जिससे कई भारतीय बेरोजगार हो गए हैं। बनबसा व्यापार मंडल अध्यक्ष भरत भंडारी ने बताया कि नेपाल सरकार बनबसा के व्यापारियों को वसूली के लिए भी सप्ताह में एक दिन नेपाल जाने की अनुमति नहीं दे रही है।

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