चमोली: 7 साल से ‘हथेली’ पर जान, क्या हादसे का हो रहा है इंतजार?
चमोली में थराली के सोल इलाके में पिछले 7 सालों से यहां के लोग जान हथेली पर लेकर नदी पार करने को मजबूर हैं।
नदी उफान पर है, ऐसे में हर समय नदी पार करते वक्त लोगों को अपनी जान जाने का खतरा बना रहता है। सात साल पहले नदी के तेज बहाव में इस पर बना पुल बह गया था। तब से अब तक कई बार ग्रामीण नदी पर पुल बनाने की मांग कर चुके हैं। लेकिन अब तक उनकी सुनवाई नहीं हुई। पुल नहीं होने की वजह से ग्रामीणों नदी पर लकड़ी का पुल बनाया है। इसी के सहारे लोग आते-जाते रहते हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि थराली विधानसभा क्षेत्र के साल 2017 के आम चुनाव और 2018 में हुए उपचुनाव में नेता वोट लेने आए। पुल बनवाने का वादा भी किया, लेकिन उनका वादा अभी तक झूठा साबित हुआ है। बरसात खत्म हो चुकी है। इसके साथ ही लकड़ी के पुल की मियाद भी खत्म हो चुकी है। लेकिन मजबूरी में स्थानीय लोगों को इसी पुल के सहारे आना जाना पड़ता है। कभी भी इस पुल से गुजरने वालों के साथ हादसा हो सकता है।
गौरतलब है कि साल 2013 में आई आपदा में ये पुल भी बह गया था। रणकोट, गुमड, घुंघुटी समेत कई गांवों के लोग पुल बनने की आस लगाए बैठे हैं। ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि पुल चाहे जब भी बने, लेकिन बरसात के समय में आवाजाही के लिए कम से कम एक ट्रॉली का इंतजाम कर दिया जाए। ग्रामीणों का कहना इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक से लेकर आधिकरियों तक वे शिकयत कर चुके हैं, लेकिन कहीं भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।