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सरकार ने दिया दिवाली का तोहफा! वित्त मंत्री ने की नये राहत पैकेज की घोषणा, जानें आपके लिए क्या है खास

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 के तहत नये राहत पैकेज की घोषणा की है।

वित्तमंत्री ने यहां एक प्रेसवार्ता के दौरान आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 के तहत 12 उपायों की घोषणा की। इन उपायों की घोषणा से पहले सीतारमण ने बताया कि देश की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार देखने को मिल रहा है। उन्होंने इसके संकेत के तौर उर्जा खपत में वृद्धि, रेल किराया में इजाफा के साथ-साथ वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी संग्रह में वृद्धि और बैंकों से दिए जार रहे कर्ज में इजाफा होने का जिक्र किया।

वित्तमंत्री ने ये घोषणाएं कीं:

  • ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा: सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना की राशि चालू वित्त वर्ष में 10,000 करोड़ रुपये बढ़ा दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे ग्रामीण इलाके में रोजगार बढ़ेगा। ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार की सबसे बड़ी स्कीम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत पहले ही आत्मनिर्भर भारत अभियान 1.0 में 40,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट बढ़ा दिया गया था।
  • घर खरीदने वालों को राहत: सरकार ने दो करोड़ रुपये मूल्य तक आवासीय इकाइयों यानी घरों की सिर्फ प्राइमरी सेल के लिए सर्कल रेट और करार के मूल्य के अंतर को अगले साल 30 जून तक के लिए 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है। इसके तहत 30 जून 2021 तक दो करोड़ रुपये तक के घरों के खरीदारों को राहत मिलेगी।
  • ठेकेदारों को फायदा: सरकारी टेंडर में अर्नेस्ट मनी डिपोजिट और परफॉमेंस सिक्योरिटी में राहत दी गई है, कांट्रैक्ट की परफॉर्मेंस सिक्योरिटी 5 से 10 फीसदी की जगह घटाकर 3 फीसदी कर दी गई है। टेंडर के लिए अर्नेस्ट मनी डिपोजिट की जरूरत नहीं होगी। इसकी जगह बोली सिक्योरिटी की घोषणा होगी।
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए कर्ज की व्यवस्था 1.10 लाख करोड़ का प्लेटफॉमर्: सरकार ने कहा कि वह एनआईआईएफ के डेब्ट प्लेटफॉर्म में इक्विटी के रूप में 6000 करोड़ रुपये निवेश करेगी।
  • आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना: कोरोना काल में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सरकार ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना शुरू की है। इसके तहत नई नौकरियां देने वाली कंपनियों को अनुदान मिलेगा। इससे संगठित क्षेत्र में रोजगार बढ़ेगा और पंजीकृत ईपीएफओ वाली कंपनियों के कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। इसका फायदा उनको मिलेगा जो पहले ईपीएफओ से नहीं जुडे थे या जिनकी इस साल 1 मार्च से 30 सितंबर के बीच नौकरी चली गई। एक अक्टूबर 2020 से लागू यह योजना 30 जून 2021 तक रहेगी जिसमें केंद्र सरकार अगले दो साल तक अनुदान देगी। जिस कंपनी में 1000 या उससे कम कर्मचारी हैं, उसमें 12 फीसदी कर्मचारी और 12 फीसदी नियोक्ता के योगदान की भरपाई सरकार करेगी और जिनमें 1000 से ज्यादा कर्मचारी हैं उनमें सिर्फ कर्मचारी के योगदान का 12 फीसदी ही सरकार देगी।
  • इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की अवधि बढ़ी: इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीजीएलएस) की अवधि बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक कर दी गई है। वहीं, कामत कमेटी की द्वारा चिन्हित संकट में फंसे 26 क्षेत्रों और स्वास्थ्य सेक्टर की इकाइयों को एक साल के मोरेटोरियम के साथ मूलधन चुकाने के लिए 5 साल का समय दिया गया है।
  • प्रोडक्ट लिंक्ड इन्सेंटिव: विनिर्माण के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने 10 सेक्टरों के लिए 1.46 लाख करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया है जिसका मकसद चीन को चुनौती देना है।
  • प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के लिए 18000 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया है। इससे देश में गरीबों को आवास मिलने के साथ-साथ 78 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
  • कोरोना टीके के अनुसंधान और विकास के लिए धन: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना के टीके के अनुसंधान एवं विकास के लिए 900 करोड़ रुपये के प्रावधान की घोषणा की।
  • पूंजीगत और औद्योगिक खर्च के लिए प्रोत्साहन: पूंजीगत व औद्योगिक प्रोत्साहन पर खर्च के लिए 10,200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है, जो घरेलू रक्षा उपकरण विनिर्माता कंपनियों के साथ-साथ औद्योगिक प्रोत्साहन, औद्योगिक बुनियादी सुविधा और ग्रीन एनर्जी के लिए खर्च होगा।
  • निर्यात को प्रोत्साहन: निर्यात प्रोत्साहन को लेकर वित्तमंत्री ने कहा कि इंडिया डेवलपमेंट एंड इकॉनोमिक असिसटेंस स्कीम के तहत लाइन ऑफ क्रेडिट यानी एलओसी के माध्यम से निर्यात की परियोजना को प्रोत्साहन देने के लिए एक्सिम बैंक को 3,000 करोड़ रुपये जारी किया जाएगा।
  • किफायती दर पर उर्वरक के लिए धन: वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार ने किसानों को किफायती दरों पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए 65,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है जिससे देश के 14 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा।

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