मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों को प्रदेश में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामलों को पूरी तरह से रोकने के लिए पुख्ता कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं।

हाल ही में चमोली की एक घटना को गम्भीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने बीजापुर हाउस में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराध पर सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि साईबर अपराध और बच्चों व महिलाओं के प्रति किए जाने वाले अपराध के मामलों को कार्रवाई के लिए सीधे रेगुलर पुलिस को सौंपा जाएं। नाबालिगों व महिलाओं के साथ हुए अपराधों पर की जाने वाली कार्यवाही पर मानिटरिंग के लिये फुल टाईम अपर सचिव स्तर के अधिकारी की नियुक्ति की जाए। फास्ट ट्रैक मोड में कार्रवाई सुनिश्चित हो। केवल मामला ही दर्ज नहीं करना है बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जाना है कि अपराधी को सख्त से सख्त सजा मिले। 

बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूङी, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव नितेश झा, अमित नेगी, आर मीनाक्षी सुंदरम,शैलेश बगोली सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 

ये है पूरा मामला
मंगलवार को चमोली जिले में पोखरी क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग की शादी देहरादून निवासी एक 32 वर्षीय युवक से कराने का मामला सामने आया था। मामला सोशल मीडिया में वायरल होने पर जिला बाल विकास कल्याण समिति ने गांव जाकर किशोरी और उसके पिता के बयान दर्ज किए थे। वहीं राजस्व उपनिरीक्षक ने भी गांव पहुंचकर बयान लिए थे।

पोखरी क्षेत्र के एक गांव की किशोरी (13) की शादी देहरादून भगत सिंह कॉलोनी निवासी एक युवक (32) से 18 जनवरी को करा दी गई थी। अब ससुराल में उसका उत्पीड़न किया जा रहा है। आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली किशोरी जब परीक्षा देने स्कूल आई तो उसने आपबीती अपने शिक्षक बताई थी।

राज्य महिला आयोग ने भी इसका संज्ञान लिया था। आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा ने चमोली के डीएम को पत्र भेजकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए कहा है।

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