खटीमा से विधायक पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को उत्तराखंड के 11वें सीएम के तौर पर शपथ ले ली।

राजभवन में आयोजित समारोह शमारोह में राज्‍यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्‍हें शपथ ग्रहण कराया। पिछले साढ़े चार सालों में उत्‍तराखंड को तीसरा सीएम मिला है। धामी के साथ 11 मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण किया। इनमें सतपाल महाराज, डॉ. हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, डॉ धन सिंह रावत, बिशन सिंह चुफल, गणेश जोशी, अरविंद पांडे, सुबोध उनियाल, रेखा आर्या, यतेश्‍वरानंद और बंशीधर भगत का नाम शामिल है। ये सभी मंत्री तीरथ सिंह रावत सरकार में भी शामिल थे। खास बात यह रही कि इस बार कोई राज्‍य मंत्री नहीं बना। सभी को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है।

मुख्यमंत्री बनने की कहानी!

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से नजदीकी धामी के सीएम बनने में काफी काम आई। बताया जाता है कि 90 के दशक में उन्होंने लखनऊ में एबीवीपी के राष्ट्रीय सम्मेलन के संयोजन की जिम्मेदारी निभाई थी और इससे राजनाथ सिंह उनसे बहुत प्रभावित हुए थे। तब से लगातार धामी राजनाथ के संपर्क में बने रहे। धामी महाराष्ट्र के राज्यपाल और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के भी करीबी हैं। माना जाता है कि कोश्यारी उन्हें राजनीति में लाए थे।

पुष्कर सिंह धामी 2012 में पहली बार खटीमा सीट से विधायक बने। तब उन्होंने कांग्रेस के देवेंद्र चंद को करीब 5 हजार वोटों से हराया था। 2017 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में धामी ने खटीमा से लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। इस बार उन्होंने कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी को 3 हजार से कम अंतर से हराया।

सीएम बनने पर धामी ने क्या संकल्प लिया?

सीएम बनने के बाद धामी ने कहा कि मैं संकल्प लेता हूं कि उत्तराखंड के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक हमारी सरकार और सेवाएं पहुंचेंगी। जहां दुनिया के दूसरे देश अपनी प्रयोगशालाओं में कोरोना का निर्माण कर रहे हैं और वहीं हम विश्व बंधुत्व की भावना से दुनिया के दूसरे देशों को भी वैक्सीन दे रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि मेरा लक्ष्य होगा कि हमारे जो हज़ारों-लाखों भाई बेरोजगार हैं, उनको रोजगार से जोड़ने का काम हो।

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