जेट एयरवेज के रनवे से उतरने की ये है बड़ी वजह
विमानन कंपनी जेट एयरवेज की उड़ानें अस्थाई रूप से स्थगित हो गई है। बुधवार रात 10:30 बजे के बाद से कंपनी के सभी जहाजों का परिचालन बंद हो गया है।
कर्ज में डूबी जेट एयरवेज को बैंकों ने अंतरिम 400 करोड़ रुपये का इमरजेंसी फंड देने से इनकार कर दिया है। जिसके बाद घाटे में चल रही जेट एयरवेट की सभी उम्मीदें टूट गई और कंपनी को उड़ानों को को फिलहाल रोकने का फैसला करना पड़ा। आपको बता दें कि जेट एयरवेज ने कर्जदाताओं से 400 रुपये का कर्ज देने की मांग की थी ताकि वो सभी उड़ाने को अस्थाई रूप से बंद होने से बचा सकें। इससे पहले जेट एयरवेज ने 15 अप्रैल को अपने इंटरनेशनल फ्लाइट्स को 18 अप्रैल तक रोकने की घोषणा की थी। नियमों के मुताबिक किसी भी एयरलाउन को परमिट को जारी रखने के लिए कम से कम 5 विमानों का परिचालन करने की जरूरत होती है।
All jet airways flight, domestic and international, cancelled with immediate effect. The last flight will operate today. pic.twitter.com/RKavcKioSw
— ANI (@ANI) April 17, 2019
जेट एयरवेज की इस हालत से कर्मचारियों में भी निराशा है। 25 साल पुरानी इस एयरलाइन कंपनी पर 8 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। जेट एयरवेज को आर्थिक संकट से उबारने के लिए पीएमओ ने भी इसी हफ्ते एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई थी। आपको बता दें कि जेट एयरवेज के चेयरमैन पद से हाल ही में इस्तीफा देने को मजबूर हुए नरेश गोयल ने कभी टैक्सी एजेंसी के रूप में इसकी शुरुआत की थी। 1973 में गोयल ने ट्रैवल एजेंसी खोली और जिसे उन्होंने जेट एयर का नाम दिया।