उत्तराखंड में किसानों के रेल रोको आंदोलन का कैसा रहा असर?
उत्तराखंड में कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का रेल रोको आंदोलन का कुछ खास असर नहीं दिखा।
बाजपुर में किसानों ने रेल लाइन पर बैठकर धरना दिया। इस दौरान आंदोलन शांतिपूर्ण रहा। कृषि कानूनों के विरोध में गुरुवार को बाजपुर और किच्छा में किसानों ने रेल रोको आंदोलन के तहत प्रदर्शन किया। बाजपुर में आंदोलनकारी किसानों ने रेलवे पटरी पर बैठकर धरना दिया तो किच्छा में किसानों ने टोल प्लाजा पर प्रदर्शन किया।
बाजपुर में लगभग दो दर्जन किसान भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश अध्यक्ष करम सिंह की अगुवाई में दो से तीन दर्जन किसान बाजपुर रेलवे स्टेशन पर जमा हुए और रेल पटरी पर बैठकर धरना दिया। इस दौरान आंदोलनकारियों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष करम सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों पर जबरदस्ती कानूनों को थोंप रही है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार जब तक तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती तब तक किसान अपना आंदोलन जारी रखेंगे। आंदोलन को अधिक व्यापक बनाया जायेगा और इसके लिये रणनीति बनायी जा रही है।
आंदोलन को बार्डर से बाहर फैलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान कोई भीख नहीं मांग रहा है, अपना अधिकार मांग रहा है। किच्छा में भी कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने रेल रोकने के बजाय स्थानीय टोल प्लाजा पर धरना दिया। इस दौरान किसानों ने केन्द्र सरकार पर कई तरह के आरोप लगाये। इस दौरान आने जाने वाले वाहनों के लिये टोल फ्री रखा गया।