सवर्ण आरक्षण पर बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने कही ये बड़ी बात
‘हम’ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने अलग-अलग समुदायों की जनसंख्या के आधार पर उन्हें आरक्षण दिये जाने की मांग की है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और ‘हम’ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने संख्याबल के आधार पर आरक्षण दिए जाने की वकालत की है. मांझी ने अलग-अलग समुदायों की जनसंख्या के आधार पर उन्हें आरक्षण दिये जाने की मांग की।मांझी का ये बयान तब आया है जब बिहार में महागठबंधन के सबसे बड़े दल आरजेडी ने आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए जाने की पहली बार वकालत की है।
इस दौरान उन्होंने पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी द्वारा आरक्षण पर दिए गए बयान के बारे में कहा कि उन्हें नहीं पता कि पूर्व स्पीकर ने क्या कहा? लेकिन जातिगत आधार पर जिसकी जितनी जनसंख्या हो उस हिसाब से आरक्षण मिलना चाहिए। बता दें कि उदय नारायण चौधरी ने सवर्णों के भारत बंद के दौरान एक विवादित बयान दिया था उन्होंने कहा था कि बहुजन समाज जागेगा तो आरक्षण विरोधी सड़क छोड़कर भाग जाएंगे। मांझी ने कहा कि राम मनोहर लोहिया ने भी कहा था, ‘जिसकी जितनी जनसंख्या भारी, उसको उतनी मिलेगी हिस्सेदारी’।
इसके लिए संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से जातिगत जनगणना को सार्वजनिक किए जाने की मांग की. पूर्व सीएम ने कहा कि हम शेड्यूल कास्ट में आते हैं। इस बात पर उन्होंने जोर दिया कि हमें मात्र 15 पर्सेंट ही आरक्षण मिलता है। जबकि हमारी जनसंख्या वर्तमान समय में 25 से 30 परसेंट के आसपास है। उस हिसाब से हमें भी 25 से 30 परसेंट आरक्षण मिलना चाहिए।
मांझी ने ये भी कहा कि जो लोग सवर्ण में गरीब हैं, उन्हें भी आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। इसी तर्ज पर जिस समाज के लोगों की जितनी जनसंख्या है, उन्हें उसी हिसाब से आरक्षण मिलना चाहिए।