राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की किताब का किया विमोचन
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ द्वारा महर्षि अरविन्द पर लिखी पुस्तक “मानवता के प्रणेता : महर्षि अरविन्द” का राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में विमोचन किया।
केंद्रीय मंत्री निशंक ने पुस्तक की पहली प्रति राष्ट्रपति को भेंट की। इस मौके पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि महर्षि अरविन्द भारतीय संस्कृति, मूल्यों और सनातन धर्म के लिए पूरी तरह से समर्पित थे। वो भारत की विलक्षण क्षमता पहचानते थे और प्रत्येक देशवासी को इससे अवगत करवाना चाहते थे।
उन्होंने कहा “महर्षि अरविन्द की सामाजिक एवं राजनीतिक विषयों पर गहरी पकड़ और चेतना के विकास की उनकी असाधारण समझ का मैं सदैव कायल रहा हूं। वो भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में 1905 से 1910 तक केवल पांच वर्ष रहे और इतनी अल्पावधि में देश के जनमानस को इतना समर्थ बना दिया कि वह अपनी वास्तविक हस्ती को पहचान सके और अपने अतीत की खोई गरिमा और महिमा को पुनः अर्जित कर सके।”
इस पुस्तक में महर्षि अरविंद की जीवन यात्रा, उनके चिन्तन, पूर्ण योग और जीवन संघर्ष को एक ही स्थान पर सरल भाषा में बताया गया है। पुस्तक में यह बताने का प्रयास किया है कि किस प्रकार भारत को आध्यात्मिक रूप से एक करने के लिए महर्षि अरविन्द ने वेद एवं उपनिषद का सहारा लिया और भारतीय ज्ञान परंपरा की पताका को विश्वभर में फैलाया ताकि भारतीय अपने ज्ञान के प्रति गौरवान्वित महसूस कर सकें।
डॉ. निशंक ने कहा, “मेरा मानना है कि नए भारत के निर्माण की जिम्मेदारी हमारी युवाशक्ति पर है। मुझे लगता है श्री अरविन्द के योग की अभिन्न प्रकृति, ज्ञान के पथ का संश्लेषण, भक्ति पर, कर्म पर उनका अलग नजरिया उन्हें भगवान बुद्ध, महावीर, रामकृष्ण जैसी प्रबुद्ध आत्माओं की श्रेणी में खड़ा करता है।”