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देहरादून: आप ने अबतक अगर गाड़ी पर फास्टैग नहीं लगाया है तो दोगुना टोल देने को तैयार रहिये!

उत्तराखंड में अगर आपने अभी तक अपनी गाड़ी पर फास्टैग नहीं लगवाया तो उसे लगवा लीजिये। गाड़ी पर फास्टैग नहीं लगने पर अब आपको दोगुना शुल्क देना होगा।

परिवहन मंत्रालय के फास्टैग लगवाने की तारीख बढ़ाने से इनकार कर दिया है। 16 फरवरी से उत्तराखंड के टोल ब्रिजों फास्टैग को लेकर जारी नियम लागू होने जा रहा है। मंत्रालय ने इस बाबत मुख्य सचिव को पत्र भी भेजा है। आपको बता दें कि इससे पहले कई बार गाड़ियों पर फास्टैग लगाने की तारीख बढ़ाई जा चुकी है। इससे पहले इसे लगवाने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर रखी गई थी। एक जनवरी से फास्टैग की अनिवार्यता लागू होनी थी, लेकिन केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने इसमें राहत देते हुए अंतिम तिथि 15 फरवरी कर दी थी। लोगों की मांग के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि एक बार फिर मंत्रालय तारीख बढ़ा देगा। लेकिन मिनिस्ट्री ने इस बार राहत देने से इनकार कर दिया है।

क्या है फास्टैग?
फास्टैग एक तरह का टैग या स्टिकर है, जो गाड़ियों की विंडस्क्रीन पर लगा हुआ होता है। रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन(आरएफआईडी) तकनीक पर फास्टैग काम करता है। इसके जरिए टोल प्लाजा पर लगे कैमरे स्टिकर के बार-कोड को स्कैन कर लेते हैं और टोल फीस अपने आप फास्टैग के वॉलेट से कट जाती है। इसके इस्तेमाल से गाड़ी ड्रारवर को टोल टैक्स के भुगतान के लिए रुकना नहीं पड़ता है।

कैसे लें फास्टैग?
फास्टैग को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से खरीदा जा सकता है। फास्टैग किसी भी बैंक, अमेजन, फ्लिपकार्ट और पेटीएम जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से ऑनलाइन खरीदा जा सकता है। इसके अलावा 23 ऑथराइज्ड बैंक, रोड ट्रांसपोर्ट ऑफिस के पॉइंट ऑफ सेल से भी फास्टैग ले सकते हैं। पूरे देश में 30 हजार पॉइंट ऑफ सेल पर फास्टैग उपलब्ध हैं। इसको लेने के लिए ड्राइवर के लाइसेंस और वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की कॉपी जमा करनी पड़ती है। बैंक केवाईसी के लिए यूजर्स के पैन कार्ड और आधार कार्ड की कॉपी भी मांगते हैं। जिस बैंक का फास्टैग है, उसकी वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रिचार्ज किया जा सकता है। इसके अलावा ई-वॉलेट, डेबिट, क्रेडिट कार्ड, एनईएफटी या नेट बैंकिंग के जरिये भी रिचार्ज किया जा सकता है।

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