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शिक्षा नीति लागू करने के लिए क्या तैयारी है, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया

केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई नई शिक्षा नीति को किस प्रकार से लागू किया जाए, इसके लिए टास्क फोर्स गठित की जा रही है।

विभिन्न शिक्षण संस्थान, केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश अपने स्तर पर टास्क फोर्स का गठन कर रहे हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षण संस्थानों द्वारा की गई इस पहल का स्वागत किया है। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इस टास्क फोर्स की रिपोर्ट को भी अंतिम रूप देना शुरू कर दिया गया है। यह टास्क फोर्स महेंद्रगढ़ केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति आरसी कुहाड़ के नेतृत्व में काम कर रही है।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, “हमने इस दिशा में शिक्षक पर्व, विजिटर कॉन्क्लेव, गवर्नर कॉन्क्लेव, एजुकेशन कॉन्क्लेव जैसे तमाम कदम उठाए हैं। यह बेहद हर्ष की बात है कि नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन हेतु विभिन्न संस्थान, राज्य, केंद्र शासित प्रदेश अपने-अपने स्तर पर टास्क फोर्स का गठन कर रहे हैं तथा नीति को सफल बनाने के लिए प्रभावी कदम बढ़ा चुके हैं।”

केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आरसी कुहाड़ ने कहा, “हमारा लक्ष्य विश्वविद्यालय के स्तर पर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन का प्रारूप तैयार करना है। राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग व शिक्षा मंत्रालय के समक्ष भी इस नीति को सफलता के साथ लागू करने की दिशा में आवश्यक सुझाव प्रस्तुत करना है। इसके लिए एक विस्तृत दस्तावेज तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा।”

उन्होंने आगे कहा कि यही वजह है कि 34 वर्षो के लंबे अंतराल के बाद आई हमारी इस नीति को ग्राम पंचायत से लेकर प्रधानमंत्री तक, शिक्षक से लेकर शिक्षाविद तक, छात्र से लेकर अभिभावक तक एक ‘अद्भुत स्वीकार्यता’ मिली है, जो इसे 21वीं सदी के नए भारत के ‘विजन डॉक्यूमेंट’ के रूप में स्थापित करती है।

केंद्रीय मंत्री ने सभी को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए आह्वान करते हुए कहा, “इस नीति द्वारा एक ऐसा वैश्विक नागरिक तैयार होगा जो अपने मूल्य और संस्कृति से तो जुड़ा ही रहेगा, साथ ही उसमें वैश्विक संस्कृति, वैश्विक भाषा तथा वैश्विक समाज के प्रति भी एक गंभीर समझ विद्यमान होगी। वह अपनी मातृभाषा एवं भारतीय भाषाओं को पूरे सम्मान एवं आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ाएगा। मैं आप सभी लोगों का आह्वान करता हूं कि आप अपनी एक्सपर्टीज, विद्या, ज्ञान का दान करें तथा नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन में अपना अभूतपूर्व योगदान दें।”

टास्क फोर्स के सुझावों में गुणवत्तापूर्ण पाठ्यक्रम, बहुविषयक अवसर, उपयोगी कार्ययोजना का समावेश आवश्यक है। विश्वविद्यालय विभागीय स्तर पर विजन-मिशन के साथ-साथ विश्वविद्यालय के स्तर पर भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति से प्रेरित सह-सहयोगी विजन-मिशन निर्धारित कर रहे हैं, ताकि माइक्रो स्तर पर इस नई नीति का क्रियान्वयन सम्भव हो और कम समय में निर्धारित परिणाम प्राप्त हों।

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