अयोध्या केस में आज सुप्रीम कोर्ट में क्या होगा?
अयोध्या केस में आज का दिन सुप्रीम कोर्ट में बेहद ऐतिहासिक होने वाला है। आज इस मामले की आखिरी सुनवाई हो सकती है। पांच जजों की संविधान पीठ आज आखिरी बार सभी पक्षों की दलील सुनेगी।
इसके लिए 45-45 मिनट के 4 स्लॉट्स सभी पक्षों के लिए रखे गए हैं। जानकारी के मुताबिक हिंदू पक्ष के वकील सीएस वैद्यनाथन को दलील पूरी करने के लिए 45 मिनट और दिए जाएंगे। वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को दलील के लिए 1 घंटा दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट आज शाम 5 बजे तक मामले की सुनवाई करेगा।
आज इस मामले में निर्मोही अखाड़ा के वकील सुशील जैन की ओर से भी दलीलें पेश की जाएंगी। उम्मीद है कि आज लंच के बाद मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर बहस पूरी हो जाएगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भी मामले की सुनवाई शाम पांच बजे तक की थी। हालांकि सभी पक्षों के वकीलों ने दलील पूरी करने के लिए ज्यादा समय मांगा था, लेकिन कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया था।
मंगलवार को क्या हुआ था?
सुनवाई के 39वें दिन हिंदू पक्ष की तरफ से दलील पेश करते हुए के परासरन और सीएस वैद्यानाथन ने अपनी दलीलें देते हुए कहा था कि इतिहास में जो गलती हुई अब वक्त आ गया है कि सुप्रीम कोर्ट उसे सुधारे। मुसलमान किसी भी मस्जिद में नमाज़ अदा कर सकते हैं और सिर्फ अयोध्या में ही 50-60 मस्जिदें हैं, लेकिन हिंदुओं के लिए वो जगह भगवान राम का जन्मस्थान है। भगवान राम का जन्मस्थान को बदला नहीं जा सकता।
सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष के वकील के. परासरण ने कहा कि मुस्लिमों को साबित करना होगा कि जमीन पर उनका हक है। इस पर जस्टिस नज़ीर ने पूछा कि बिना एडवर्स पजेशन को साबित किए मालिकाना हक को साबित कर सकते हैं?
इस सवाल का जवाब देते हुए के. परासरण ने कहा कि ड्युअल ऑनरशिप का प्रावधान भारतीय कानून में है इसलिए एडवर्स पजेशन में भी किसी की जमीन पर कोई जबरन इमारत बना ले, तो भी जमीन का मालिकाना हक ज़मीन वाले का ही रहता है। पराशरण ने कहा कि अभी हमें नहीं बल्कि मुस्लिम पक्ष को मालिकाना हक सिद्ध करने की ज़रूरत है क्योंकि हमारा दावा तो स्वयंसिद्ध है।