बिहार में सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का रास्ता साफ, नीतीश कैबिनेट ने दी मंजूरी
बिहार की नीतीश कैबिनेट ने सामान्य वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण को हरी झंडी दे दी है। अब इसका फायदा राज्य के सामान्य वर्ग को मिल पाएगा।
बिहार कैबिनेट से सामान्य वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण पास हो गया है। मतलब ये कि अब यह सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में लागू हो जाएगा। आने वाले दिनों में इसका फायदा सामन्य वर्ग को मिलेगा। बिहार के शिक्षण संस्थानों में अगले सत्र से यह लागू हो जाएगा।
Bihar cabinet passes the bill of 10% reservation to the economically weaker section. pic.twitter.com/6YNykJqyqR
— ANI (@ANI) February 1, 2019
10 फीसदी आरक्षण का फायदा इस आधार पर मिलेगा:
- सालाना आय 8 लाख से कम होनी चाहिए
- कृषि भूमि 5 हेक्टेयर से कम होनी चाहिए
- घर 1 हजार स्क्वायर फीट से कम जमीन होनी चाहिए
- निगम में आवासीय प्लॉट 109 यार्ड से कम होना चाहिए
- निगम से बाहर के प्लॉट 209 यार्ड से कम होने चाहिए
पिछले सत्र में केंद्र की मोदी सरकार सामान्य वर्ग को आरक्षण देने के लिए यह बिल लाई थी। इसे संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद राष्ट्रपति ने विधेयक पर मुहर लगाई थी। हालांकि इस आरक्षण का कुछ दलों ने यह कह कर विरोध किया था कि इसमें कई कानूनी पहलुओं का ध्यान नहीं रखा गया है। ज्यादातर दलों का कहना था कि इस आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है, और रद्द भी हो सकता है।
संसद से पास होने के 24 घंटे के भीतर एक एनजीओं ने आरक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। हालांकि फिलहाल आरक्षण पर रोक लगाने से कोर्ट ने इनकार कर दिया है। मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
अपनी याचिका में एनजीओं ने ये दलीलें दी हैं:
- सुप्रीम कोर्ट के 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण पर रोक के फैसले का उल्लंघन है
- आर्थिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता
- संसद ने 103वें संविधान संशोधन के जरिए आर्थिक आधार पर आरक्षण बिल पास किया
- इसमें आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का प्रावधान है
- ये समानता के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है
- आरक्षण के दायरे में उन प्राइवेट शिक्षण संस्थाओं को शामिल किया गया है, जिन्हें सरकार से अनुदान नहीं मिलता, ये सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है