बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से पिछले 20 दिनों के भीतर 150 से ज्यादा बच्चों की जान जा चुकी है। बच्चों के माता-पिता बिहार की बीजेपी-जेडीयू गंठबंधन सरकार से इंसाफ मांग रहे हैं।
हैरानी की बात ये है कि चमकी बुखार से जिन घरों का दीया बुझ गया, जिन लोगों ने अपने बच्चों को खोद दिया, आज उन्हें मरहम लगाने की बजाय राज्य सरकार उनके खिलाफ केस दर्ज कर रही है। बिहार के वैशाली जिले के हरिवंशपुर में जिन लोगों ने चमकी बुखार से हुई मौत के खिलाफ प्रदर्शन किया था। पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं उनके घरों की महिलाओं ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, “चमकी बुखार में हमने अपने बच्चों को खो दिया। हमने रोड का घेरवा किया था, लेकिन प्रशासन ने हमारे खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। जिन पुरुषों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है वो गांव छोड़कर चले गए हैं। रोजी-रोटी कमाकर वही लाते थे, जिससे घर चलता था।”
चमकी बुखार से बिहार में दर्जनों बच्चों की मौत हो चुकी है। मुजफ्फरपुर के जिस अस्पताल में बच्चों को भर्ती कराया गया था। वहां सुविधाओं की कमी देखने को मिली थी। मीडिया से बात करते हुए कई डॉक्टरों ने यह बयान दिया था कि कई जरूरी सुविधाएं नहीं होने के चलते बच्चों की जान गई है। ऐसे में सवाल ये है कि सुविधाएं मुहैया कराने की जिम्मेदारी किसकी थी? जाहिर है ये जिम्मेदारी राज्य सरकार और उसके अफसरों की थी। ऐसे में सवाल ये है जिनकी लापरवाही की वजह से लोगों के घरों के चराग बुझ गए। क्या उन सरकारों और अफसरों के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया जाना चाहिए?
उत्तराखंड बजट सत्र के दौरान CAG की रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट में बड़े पैमाने…
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के उसिया गांव के उत्तर मोहल्ला स्थित डॉ. महबूब ख़ां…
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के सेवराई तहसील के उसिया गांव में 'उम्मीद एजुकेशनल एंड…
(Saharanpur Loot) उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में बेखौफ बदमाशों का आतंक देखने को मिला है।…
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने रविवार को देहरादून में ₹188.07…
Roorkee Car Accident: उत्तराखंद के रुड़की में भीषड़ सड़क हादसा हुआ है। रुड़की के मंगलौर…
This website uses cookies.