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अभिनंदन जैसा फाइटर पायलट बनने के लिए करनी पड़ती है इतनी कड़ी मेहनत

इंडियन एयरफोर्स दुनिया में चौथी सबसे खतरनाक एयरफोर्स है। भारतीय वायुसेना में अगर आप फाइटर पायलट बनना चाहते हैं तो इसके लिए पको इंडियन एयरफोर्स के फ्लाइंग ब्रांच को ज्वॉइन करना होगा।

वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन के पकड़े जाने पर सभी उनकी सलामती की दुआ कर रहे हैं। लोगों ने अपने जांबाज जवान को वापस लाने के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम छेड़ दी है। क्या आपको पता है फाइटर पायलट बनने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है। इंडियन एयरफोर्स दुनिया में चौथी सबसे खतरनाक एयरफोर्स है। भारतीय वायुसेना में अगर आप फाइटर पायलट बनना चाहते हैं तो इसके लिए पको इंडियन एयरफोर्स के फ्लाइंग ब्रांच को ज्वॉइन करना होगा।

वायुसेना में फाइटर पायलट बनना बहुत कठिन है। पायलट बनने के लिए आपको कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। अगर आप एग्जाम में एक बार फेल हो गए तो जिंदगी भर आप पायलट बनने के लिए अप्लाई नहीं कर सकते हैं।

योग्यता क्या होनी चाहिए?

सबसे पहले तो वही फाइटर पायलट बनने का सपना वही देख सकता है, जिसने 12वीं की परीक्षा फिजिक्स और मैथेमेटिक्स में पास की हो। फ्लाइंग ब्रांच में हिस्सा लेने के लिए छात्र ने अपनी 12वीं कक्षा साइंस स्ट्रीम से की हो। 12वीं के बाद आपको एंट्रेंस एग्जाम पास करना होता है।

अगर आप 12वीं के बाद अप्लाई करना चाहते हैं तो आप नेशनल डिफेंस अकेडमी (NDA) के माध्यम से अप्लाई कर सकते हैं। ये परीक्षा UPSC आयोजित करता है। जिसके लिए आपके 60 पर्सेंट नंबर आना जरूरी है। जबकि अगर आप ग्रेजुएशन की बाद अप्लाई करना चाहते हैं तो आप CDS, AFCAT (एयरफोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट) और NCC के जरिए आप इंडियन एयर फोर्स की फ्लाइंग ब्रांच के लिए अप्लाई कर सकते हैं। CDS की परीक्षा UPSC की तरफ से साल में दो बार आयोजित की जाती है।

AFCAT परीक्षा इंडियन एयर फोर्स की ओर से साल में दो बार आयोजित की जाती है। वहीं अगर बात करें NCC एंट्री की तो ये स्पेशल एंट्री होती है जिसे डायरेक्ट एंट्री भी कहते हैं, ये एंट्री केवल NCC उम्मीदवारों के लिए ही होती है। अगर आपके पास NCC की “C” सर्टिफिकेट है, तो सीधे इंडियन एयर फोर्स के इंटरव्यू प्रक्रिया के लिए अप्लाई कर सकते हैं।  यानी NDA,CDS और AFCAT इन तीनों एंट्री के लिए आपको लिखित परीक्षा पास करनी होती है। जिसके बाद आपको अगले प्रोसेस के लिए भेजा जाता है। लेकिन अगर आप NCC उम्मीदवार है तो आपको लिखित परीक्षा देने के जरूरत नहीं है।

क्या है दूसरी प्रकिया?
लिखित परीक्षा पास करने के बाद आपको SSB इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। इंटरव्यू की 5 प्रक्रिया है। जो उम्मीदवार इन पांच स्टेज को पूरा कर लेते हैं।  फिर उन्हें मेडिकल चेक-अप,  PABT टेस्ट (पायलट एप्टीट्यूट बैटरी टेस्ट) के लिए भेजा जाता है।

क्या है तीसरी प्रकिया?
इंडियन एयरफोर्स में फाइटर पायलट बनने की ये  अहम प्रक्रिया है। इंडियन एयरफोर्स में पायलट बनने के लिए  PABT टेस्ट को पास करना जरूरी होता है। खास बात ये है कि इस टेस्ट को क्लियर करने के लिए केवल एक बार ही मौका दिया जाता है। अगर  PABT टेस्ट को एक बार में पास नहीं कर पाए तो आप फाइटर पायलट नहीं बन पाएंगे।

क्या है चौथी प्रकिया?
मेडिकल चेकअप और PABT टेस्ट के बाद एक फाइनल मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है। जो SSB इंटरव्यू और लिखित परीक्षा में दिए गए नंबर पर आधारित होती है। जिन उम्मीदवारों का नाम इस मेरिट लिस्ट में होता है फिर उन्हें आगे ट्रेनिंग के लिए Dundigal Air Force Academy में भेजा जाता है।

पांचवी प्रक्रिया में मिलती है ट्रेनिंग
इस प्रक्रिया में उम्मीदवारों को फायटर पायलट बनने की ट्रेनिंग दी जाती है। जिसमें फाइटर एयरक्राफ्ट को उड़ाने से लेकर उसे हर स्थित में हैंडल करने की ट्रेुनिंग दी जाती है। पायलट की ट्रेनिंग को तीन स्टेज में बांटा गया है।  पहली ट्रेनिंग में उम्मीदवारों को एयरक्राफ्ट से जुड़ी बेसिक जानकारी दी जाती है और इसमें उम्मीदवार को 55 घंटे का फ्लाइट एक्सपीरियंस भी मिलता है। ये प्रक्रिया 6 महीने तक चलती है।

दूसरी ट्रेनिंग को “intermediate training” भी कहा जाता है। ये फाइटर प्लेन का पायलट बनाने के लिए ट्रेुनिंग का बहुत अहम हिस्सा होता है। जिसमें उम्मीदवारों को एयरक्राफ्ट दिया जाता है, जिसमें उन्हें  एयरक्राफ्ट को उड़ाने का मौका भी दिया जाता है जहां उन्हें उसकी परफेक्ट हैंडलिंग का ध्यान रखना होता है।

तीसरी ट्रेनिंग की प्रक्रिया 12 महीने तक चलती है इस दौरान उम्मीदवारों को HAWK एयरक्राफ्ट के साथ ट्रेनिंग दी जाती है। जिसमें उम्मीदवारों को कई तरह के फाइटिंग टेक्निक्स सिखाए जाते हैं। ट्रेुनिंग के दौरान उम्मीदवारों को Jaguar, Mig और दूसरे एयकक्राफ्ट के साथ ट्रेनिंग दी जाती है। इन तीनों स्टेज को सफलतापूर्वक पार करने के बाद आपको पायलट का लाइसेंस दे दिया जाता है।

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