मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर का 89 साल की उम्र में निधन हो गया है।
बुधवार सुबह उन्होंने भोपाल के नर्मदा अस्पताल में आखिरी सांस ली। वो काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्हें सांस लेने में दिक्कत थी। मध्य प्रदेश की सरकार ने बाबू लाल गौर के निधन पर तीन दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है।
बाबू लाल गौर 1974 में भोपाल की गोविदपुरा सीट पर उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव में खड़े हुए थे और जीत हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने इस सीट से लगातार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बनाया। वो लगातार 10 विधानसभा चुनाव जीते।
गौर मार्च 1990 से दिसंबर 1992 तक मध्य प्रदेश में भोपाल गैस त्रासदी राहत मंत्री, स्थानीय शासन, विधि एवं विधायी कार्य और संसदीय कार्यमंत्री रहे। अगस्त 2004 में उन्होंने उमा भारती के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभाला। 23 अगस्त 2004 से 29 नवंबर 2005 तक वो प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। 2013 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी फिर सत्ता में आई और उन्हें मंत्री बनाया गया।
बाबूलाल गौर को उनकी मजबूत फैसलों के लिए भी जाना जाता है। नगरीय प्रशासन मंत्री रहते हुए उन्होंने अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर बुलडोजर चलवा दिए थे। तब से उन्हें बुलडोजर मंत्री के रूप में पुकारा जाने लगा।
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