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बीजेपी कर्नाटक पर फोकस करती रही और मध्यप्रदेश में उसके साथ ‘खेल’ हो गया!

कर्नाटक में कांग्रेस-JDS सरकार गिरने और 21 दिन चले वहां हुई सियासी खींचतान के बीच ये चर्चा तेज हो गई थी कि क्या अब अगला नंबर मध्य प्रदेश का है।

बीजेपी नेताओं की बयानाजी के बीच ये कहा जा रहा था कि मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी बड़ा उलटफेर कर सकती है, लेकिन हुआ उसके उलट। बुधवार को एमपी विधानसभा में एक बिल पर वोटिंग के दौरान बीजेपी के दो विधायकों ने कमलनाथ सरकार के समर्थन में वोट किया। इसकी जानकारी खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मीडिया को दी। खबर ये भी है कांग्रेस के समर्थन में बिल के पक्ष में वोटिंग करने वाले दोनों विधायक नरारायण दत्त, शरद कॉल कांग्रेस में शामिल होंगे।

विधानसभा में बुधवार को चर्चा के दौरान कमलनाथ ने विपक्ष को बहुमत परीक्षण की चुनौती देते हुए कहा कि हम आज ही इसके लिए तैयार है। यहां कोई विधायक बिकाऊ नहीं है। कांग्रेस की सरकार पूरे पांच साल चलेगी और दम के साथ चलेगी।

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही एमपी में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर हमारे नंबर 1 और नंबर 2 इशारा करें तो 24 घंटे में मध्य प्रदेश सरकार गिर सकती है। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि अगर कमलनाथ सरकार गिरती है तो इसमें बीजेपी का कोई रोल नहीं होगा, क्योंकि उनकी आतंरिक कलह और फूट इसके लिए जिम्मेदार होगी।

एमपी में कांग्रेस के 114 विधायक हैं। जबकि बीजेपी के 108 विधायक हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस एसपी, बीएसपी और निर्दलीय के सहारे सरकार चला रही है। इन सभी के विधायकों को मिला दें को कमलनाथ सरकार को 121 विधायकों का समर्थन हासिल है।

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