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संसद में केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक बोले- ऑनलाइन चैट से दूर होगा छात्रों का मानसिक तनाव

कोरोना संक्रमण की वजह से छात्र मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। छात्रों के इस मानसिक तनाव का मुद्दा शनिवार को लोकसभा में भी उठाया गया।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रखने के लिए छात्रों को ऑनलाइन चैट के माध्यम से भी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। शनिवार को लोकसभा में इस विषय पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री से प्रश्न पूछा गया। जिसके जवाब में शिक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया कि छात्रों के साथ-साथ उनके अभिभावकों के मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में सहायता उपलब्ध कराई गई है।

लोकसभा सांसद वांगा गीता विश्वनाथ और कोथा प्रभाकर रेड्डी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से छात्रों एवं उनके अभिभावकों के मानसिक स्वास्थ्य एवं तनाव के विषय में प्रश्न पूछा। प्रश्न का उत्तर देते हुए निशंक ने कहा, “शिक्षा मंत्रालय ने मनोदर्पण नामक एक पहल की है। इसमें कोविड महामारी के दौरान और उसके बाद छात्रों, शिक्षकों और उनके परिवारों के मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक कल्याण हेतु मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसमें विस्तृत गतिविधियों को कवर किया गया है। छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों और सरोकारों पर ध्यान देने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही है।”

निशंक ने कहा, “कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक मनोसामाजिक समस्याओं के समाधान हेतु काउंसलिंग सेवा है। ऑनलाइन संसाधनों और हेल्पलाइन के माध्यम से सहायता प्रदान करने के लिए एक कार्यकारी समूह का गठन किया गया है। इसके सदस्यों के रूप में शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक मुद्दों के विशेषज्ञ हैं।”

शिक्षा मंत्री ने अधिक जानकारी देते हुए कहा, “शिक्षा मंत्रालय के वेब वेबसाइट पर छात्रों शिक्षकों और स्कूल प्रणालियों तथा विश्वविद्यालयों के लिए एडवाइजरी और व्यावहारिक सुझाव हैं। इसमें पोस्टर, वीडियो, मनोसामाजिक सहायता के लिए क्या करें और क्या न करें एवं अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और ऑनलाइन प्रश्न प्रणाली दी गई है।”

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