बीजेपी-नीतीश से मिली पटखनी तो लौट के कुशवाहा जनता की शरण में आए, अब शिक्षा से साधेंगे सियासत?
एनडीए से अलग होने की अटकलों के बीच राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने औरंगाबाद में शनिवार को उपवास के बहाने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर जमकर सियासी हमला बोला।
बीजेपी और नीतीश कुमार से सियसत में मिली पटखनी के बाद उपेंद्र कुशवाहा जनता के शरण में आ गए हैं। लोकसभा चुनाव नजदीक है, एनडीए में उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में उन्होंने जनता से जुड़े मुद्दों को उठाकर सियासत साधना शुरू कर दिया है।
औरंगाबाद के देवकुंड में केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन मुहैया नहीं कराए जाने का आरोप लगाते हुए कुशवाहा अपने कार्यकर्ताओं के साथ यहां एक दिवसीय उपवास पर बैठे और नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा।उन्होंने मुख्यमंत्री को शिक्षा सुधार अभियान में अवरोधक बताते हुए कहा कि बिहार में नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना में राज्य सरकार सहयोग नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि राजनीति अपनी जगह है, लेकिन शिक्षा के नाम पर राजनीति सही नहीं है।
उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर कहा कि औरंगाबाद और नवादा के लिए केंद्र सरकार के भेजे प्रस्ताव के बावजूद बिहार सरकार ने केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराई, वरना आज इन विद्यालयों में भी पढ़ाई शुरू हो जाती।
आरएलएसपी के अध्यक्ष ने स्पष्ट कहा, “इन केंद्रीय विद्यालयों में बिहार के ही बच्चे पढ़ते, लेकिन इसका श्रेय कुशवाहा को नहीं मिले, इस कारण इन विद्यालयों के लिए बिहार सरकार जमीन उपलब्ध नहीं करा रही है।” कुशवाहा नवादा में रविवार को इसी मुद्दे को लेकर एकदिवसीय उपवास करेंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले कुशवाहा ने गुरुवार को मोतिहारी में पार्टी के खुले अधिवेशन में बीजेपी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश पर जमकर निशाना साधा था।
इससे पहले केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री कुशवाहा ने कहा कि अगर बिहार सरकार उनकी 25 सूत्री मांग मान लेती है, तो उनकी पार्टी किसी भी तरह का अपमान सहने को तैयार है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए में सीट बंटवारे में आरएलएसपी को तरजीह नहीं दिए जाने से कुशवाहा नाराज हैं। इस मुद्दे के हल के लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात करने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें मिलने का समय नहीं मिल पाया है।