उत्तराखंड: राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए नरेश बंसल, ऐसा है उनका राजनीतिक सफर
उत्तराखंड से बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार नरेश बंसल निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए।
प्रदेश से एक ही नामांकन होने की वजह से चुनाव की जरूरत ही नहीं पड़ी। चुनाव जीतने के बाद देहरादून में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकालकर उनका स्वागत किया। जुलूस विधानसभा से होता हुआ घंटाघर पहुंचा। इस दौरान डॉ. भीमराव अंबेडकर, सरदार पटेल और इंद्रमणि बडोनी की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया गया। राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने जाने के बाद नरेश बंसल ने कहा कि उन्हें 50 साल के काम का ईनाम मिला है। बता दें कि नरेश बंसल महज आठ साल की उम्र में स्वयं सेवक बन गए थे।
अभी तक कांग्रेस के राजबब्बर इसका प्रतिनिधित्व कर रहे थे। राजबब्बर का कार्यकाल 25 नवंबर को पूरा हो रहा है। इस सीट के लिए बीजेपी ने नरेश बंसल को प्रत्याशी बनाया है। 70 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 57 विधायक हैं। इसे देखते हुए विपक्ष बंसल के खिलाफ कोई प्रत्याशी नहीं उतारा, क्योंकि ये तय था कि बीजेपी प्रत्याशी की जीत तय है। आपको बता दें कि नामांकन प्रक्रिया के आखिरी दिन 27 अक्टूबर को नरेश बंसल ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत दूसरे पार्टी नेताओं की मौजूदगी में नामांकन दाखिल किया था।
नरेश बंसल का राजनीतिक सफर
नरेश बंसल 1980 से 1986 तक हिंदू जागरण मंच के नगर अध्यक्ष रहे। वो 4 नवंबर 2002 से 2009 तक प्रदेश संगठन महामंत्री रहे। 2009 से 2012 तक बीजेपी राष्ट्रीय कार्यसमिति के स्थायी सदस्य रहे। 2012 में विधानसभा चुनाव में प्रदेश चुनाव अभियान समिति के सचिव की जिम्मेदारी संभाली। 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश के स्टार प्रचार की सूची शामिल रहे। 2012 से 2019 तक प्रदेश महामंत्री रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली।