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उत्तराखंड के लोगों के लिए बड़ी राहत, 83 दिन बाद खुली ऋषिकेश AIIMS की ओपीडी

कोरोना महामारी से  लड़ाई में ऋषिकेश एम्स की खास भूमिका रही। कोरोनाकाल में अस्पताल की ओपीडी बंद रही, लेकिन अब जब कोरोना की दूसरी लहर थमने लगी है इसलिए अब 83 दिन बाद ओपीडी सेवाएं दोबारा शुरू हो गई हैं।

ओपीडी सेवाएं बहाल होने से एम्स में इलाज के लिए इंतजार कर रहे उत्तराखंड समेत पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के मरीजों को बड़ी राहत मिली है। पहले दिन रजिस्ट्रेशन काउंटर पर 2500 मरीजों का पंजीकरण किया गया।

मरीजों को घर बैठे वर्चुअल प्लेटफार्म के माध्यम से विशेषज्ञ परामर्श मुहैया कराया जा रहा था। लेकिन अब कोरोना संक्रमण कम होने के साथ एम्स प्रशासन ने ओपीडी सेवाओं को बहाल कर दिया है। जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, पीडियाट्रिक, ऑर्थोपैडिक, सर्जिकल ओंकोलॉजी, मेडिकल ओंकोलॉजी, डर्मिटोलॉजी, ईएनटी, यूरोलॉजी, पीएमआर, मनोचिकित्सा, पल्मोनरी मेडिसिन आदि विभागों के चिकित्सक ओपीडी में मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

सोमवार को सुबह सात बजे से ही ओपीडी के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर मरीजों और तीमारदारों की जबरदस्त भीड़ रही। सुबह 8.30 बजे रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पंजीकरण शुरू हुए। दोपहर करीब 11 बजे तक दो हजार मरीज का पंजीकरण किया जा चुका था। पंजीकरण के बाद मरीजों को टोकन नॉन कोविड एरिया में भेजा जा रहा था। जहां मरीज अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। दोपहर 12 बजे तक रजिस्ट्रेशन काउंटर पर 2500 मरीज अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके थे।

इस दौरान रजिस्ट्रेशन काउंटर और नॉन कोविड एरिया में बैठे मरीजों और उनके तीमारदारों को कर्मचारी लगातार मास्क को ठीक से पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन निर्देश दे रहे थे। इसके बावजूद कई मरीज और उनके तीमादार शारीरिक दूरी के नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। एम्स प्रशासन मरीजों ने कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर और नॉन कोविड एरिया में फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाने की अपील की है।

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