कुंभ समापन की घोषणा पर अखाड़ों में विवाद शुरू, कई अखाड़े आए आमने-सामने
श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े और आनंद अखाड़े द्वारा कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कुंभ मेले के समापन की घोषणा के बाद वह बैरागीओ के तीनों अखाड़ो के निशाने पर आ गए हैं।
आज बैरागीओ के तीनो अखाड़ों, निर्मोही निर्वाणी और दिगंबर के अध्यक्ष द्वारा निरंजनी अखाड़े और आनंद अखाड़े के फैसले का विरोध किया गया है।
निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास महाराज ने तो अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज और महामंत्री हरि गिरि महाराज को इन सब का जिम्मेदार ठहराते हुए माफी मांगने की मांग कर डाली। माफी ना मांगने पर बैरागी अखाड़ों ने अखाड़ा परिषद से अलग होने की चेतावनी दी है। राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि कुंभ मेला आस्था और सनातन धर्म का मेला है। एक या दो व्यक्ति इसके समापन का फैसला नहीं कर सकते। हमारे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने संतो के बीच में आकर कहा था कि 30 अप्रैल को मेले का समापन होगा। उन्होंने कहा कि सभी कोरोना की गाइडलाइन का पालन करें।
इतना ही नहीं मेले में फैल रहे कोरोना के लिए राजेंद्र दास ने संन्यासी अखाड़ों को ही जिम्मेदार बताते हुए कहा कि संन्यासी अखाड़ों ने ही मेले में कोरोना फैलाया। उन्होंने देश दुनिया के श्रद्धालुओ से अपील की है कि ज्यादा से ज्यादा वह कुंभ मेले में आए और 27 अप्रैल को बैरागी अखाड़ों के साथ दिव्यता और भव्यता के साथ कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए शाही स्नान करें।
बता दें हरिद्वार में कोरोना का खतरा लगातार बढ़ रहा है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के बाद निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्रपुरी भी कोरोना पॉजिटिव हो गए है। रविंद्र पुरी को उनके निवास पर ही आइसोलेट किया गया है। अभी तक 35 से ऊपर साधु-संत कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। वहीं कोरोना पॉजिटिव एक महामंडलेश्वर की मौत भी हो चुकी है।