उत्तराखंड: कोरोना से दहशत के बीच इस जिले में मरीजों का गंभीर आरोप, प्रकोप बढ़ा तो कैसे निपटेगी सरकार?
उत्तराखंड समेत पूरे देश में लोग कोरोना वायरस से दहशत में हैं। देश भर में अब तक 129 लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं और दो लोगों की मौत हो चुकी है।
राज्य में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद उत्तराखंड के लोग डरे हुए हैं। उधर, सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने करने की बात कह रही है। सरकार का कहना है कि प्रदेश के जिला अस्पतालों में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए जरूरी व्यवस्थाएं की गई हैं। राज्य में कोरोना वायरस को सरकार ने महामारी घोषित कर रखा है। इस बीच अल्मोड़ा के जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी का आरोप स्थानीय लोगों ने लगाया है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, अल्मोड़ा अस्पताल से करीब आधा दर्जन से ज्यादा डॉक्टरों की ड्यूटी नेपाल-पिथौरागढ़ बॉर्डर पर स्क्रीनिंग के लिए लगाई गई है। ऐसे में मरीजों का कहना है कि डॉक्टरों के अभाव में उन्हें ईलाज के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
बताया जा रहा है कि पिछले दिनों सरकार द्वारा अल्मोड़ा जिले के कई अस्पतालों से करीब एक दर्जन डॉक्टरों के तबादले कर दिए गए। इसके बाद उनकी जगह पर दूसरे डॉक्टरों की ज्वॉइनिंग नहीं हुई। ऐसे में पहले से डॉक्टरों की कमी झेल रहे अल्मोड़ा में मुश्किलें और बढ़ने के दावे किए जा रहे हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए शासन के निर्देश के अनुसार, आठ डॉक्टरों की टीम को पिथौरागढ़ नेपाल सीमा पर भेजा गया है।
वहीं, जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी सविता ह्यांकी का कहना है कि पहले उनके द्वारा स्क्रीनिंग के लिए आठ डॉक्टर भेजे गए थे, जिनके वापस आने के बाद 8 डॉक्टरों की टीम फिर से नेपाल-पिथौरागढ़ सीमा पर भेजी गई है, हालांकि उनका कहना है कि डॉक्टरों के भेजने से इलाज ज्यादा प्रभवित नहीं हुआ है। व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल रही हैं।
(अल्मोड़ा से हरीश भंडारी की रिपोर्ट)