उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत एक बार फिर पंजाब कांग्रेस के संकट को लेकर सक्रिय हो गए हैं। रावत पंजाब के प्रभारी हैं, लिहाजा इस राजनीतिक घटनाक्रम में उनकी भूमिका अहम मानी जा रही है।
इस सिलसिले में रावत से मिलने पंजाब के सात विधायक उत्तराखंड पहुंचे हैं। पंजाब में मंगलवार को 30 कांग्रेस विधायकों के मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल देने के बाद देहरादून में कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत के आवास पर हलचल बढ़ गई। बता दें कि इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस का प्रधान बनने के बाद यह माना जा रहा था कि पार्टी के सभी अंदरूनी विवाद शांत हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू खेमे के बीच चिंगारी और भड़क गई है। कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने मंगलवार को अपने आवास पर कैप्टन अमरिंदर सिंह विरोधी कांग्रेस नेताओं की बैठक बुलाई थी। इस दौरान खुले तौर पर कैप्टन को हटाए जाने की मांग उठाई गई थी। जिसके बाद सभी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से मुलाकात की थी।
नवजोत सिंह सिद्धू ने तृप्त बाजवा और बाकी विधायकों से बात करने के बाद कहा था कि वे पार्टी में जारी मौजूदा हालात के बारे में पार्टी हाईकमान को जानकारी देंगे। वहीं पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने बताया कि कैप्टन और सिद्धू के बीच अब कोई विवाद नहीं है। पार्टी में जो भी हालात अब पैदा हए हैं, उसके बारे में वे सारी जानकारी हाईकमान को देंगे। रावत ने बताया कि पंजाब कांग्रेस के कुछ विधायक उनसे मिलने देहरादून पहुंच रहे हैं। विधायक जो कुछ बताएंगे, उसकी पूरी सूचना हाईकमान तक पहुंचाई जाएगी।
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