कोरोना: पूर्व CM हरीश रावत ने राज्य के लोगों को किया जागरूक, तीरथ सरकार को भी ठोस कदम उठाने की दी नसीहत
देशभर में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण का असर देवभूमि उत्तराखंड में भी देखने को मिल रहा है। उत्तराखंड में बीते दिन रिकॉर्ड कोरोना के मामले देखने को मिले थे। हालात ये है कि इस महामारी की दूसरी लहर के आगे हेल्थ सिस्टम दम तोड़ रहा है। ऐसी ही स्थिति देहरादून की भी है। जहां कोरोना काफी खतरनाक रूप ले चुका है। ऐसे में सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। लगातार विपक्ष भी तीरथ सरकार को इस महामारी को लेकर आगाह कर रहा है।
इन सबके बीच उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने कोरोना काल में लोगों से बचने के अपील की है। हरीश रावत ने अपने फेसबुक पोस्ट में राज्य के लोगों से सतर्क रहने को कहा है साथ ही तीरथ सरकार को भी इस महामारी में क्या करना चाहिए इसे लेकर नसीहत भी दी है। हरीश रावत ने लिखा है ” कोरोना के खिलाफ यह युद्ध है, इस युद्ध में प्रत्येक नागरिक को अपनी भूमिका का निर्वाहन करना पड़ता है, विपक्ष की भी अपनी भूमिका है। उत्तराखंड में भी विपक्ष, सरकार की कमियों को लेकर उनको दूर करने के लिए सार्वजनिक दबाव बना रहा है। इसे नकारात्मक कहना सत्तारूढ़ दल की छोटी सोच है, लोकतंत्र को समझने का उनका संक्रिण नजरिया है।
उन्होंने आगे लिखा “उत्तराखंड में जागरूक समाज कोरोना संक्रमण की चेन न टूटने से चिंतित हैं, गांव में संक्रमण का प्रसार इस चिंता को दुगना कर दे रहा है, संक्रमण ने 10 हजार प्रतिदिन का आंकडा छू लिया है। देहरादून, देश के 10 सर्वाधिक संक्रमित जनपदों में से एक है, पहाड़ के जिलों में भी संक्रमण की रफ्तार तेज होती जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि मैं समझता हूं कि तीरथ सरकार इसको विस्फोटक खतरे की चेतावनी मान कर कोई नई रणनीति बना रही होगी”।
राज्य के नागरिक के रूप में इस लड़ाई में हमारी भी भूमिका है। हम अपने ऊपर सेल्फ इंपोज्ड कर्फ्यू की बंदिश लगा लें अर्थात घर से बहार न निकलें, यदि दो बार घर से निकलना आवश्यक है तो एक ही बार निकलें। शादी-विवाह समारोह के निमंत्रण को अच्छे समय की बधाई के लिए नोट कर लें और इनमें जाना अभी छोड़ दें। यदि कोई परिवार शादी आदि समारोह को अच्छे समय के लिए स्थगित कर सकता है तो मैं उस परिवार का चरण बंदन करना चाहूंगा। हम एक काम और अपने हाथ में ले सकते हैं, वो है अपने संपर्क के लोगों को कोरोना के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान और उसके खिलाफ लड़ने के लिए क्या-क्या प्रारंभिक आवश्यकताएं हैं, उससे परिचित करवाने का। मेरे कहने का अर्थ यह है कि राज्य में दूर-दराज के अंचलों के गांव तक लोगों को कोरोना से बचाव की आवश्यक जानकारी दी जानी चाहिए, कोरोना का फैलाव जिस तेजी से हो रहा है प्रत्येक सक्षम नागरिक को अपनी अपनी भूमिका तलाश कर लोगों की मदद व संक्रमण रोकने में सहयोग देने में जुटना ही पडे़गा। नये संक्रमित की जानकारी, सरकारी तंत्र तक पहुंचाना भी आवश्यक है। सरकार को अपने तंत्र को आदेशित करना चाहिए कि सूचना के आधार पर संक्रमित व्यक्ति को यथाशीघ्र उसके परिवार से अलग कर दिया जाय और चिकित्सा प्रारंभ होने से पहले उस तक कुछ बुनियादी दवाईयां पहुंचा दी जाय।
संक्रमित व्यक्ति, हॉस्पिटल में है तो उसके तिमरदारों को भी कोरोना संक्रमण अवरोधी छतरी के अंदर लाया जाना चाहिए, इस हेतू अस्पताल के उस क्षेत्र को जहां तिमरदार आते-जाते हैं, उसे निरंतर सैनिटाईज किया जाना चाहिए। सरकार का यथा संभव प्रयास होना चाहिए कि नये संभावित संक्रमितों को संक्रमित होने से यथा संभव रोका जाय। कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में छोटे और मझोले हॉस्पिटल्स को भी कोविड के खिलाफ जंग का सिपाही बनाया जाना चाहिए, इससे कोविड नामिक चिकित्साल्यों के ऊपर बढ़ते हुए दबाव को कम करने में सहायता मिलेगी। हमारे पास राज्य में आशा_वर्कर, आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य विभाग का एक बड़ा ढांचा है, इस ढांचे को प्रभावी बनाने के लिए एक प्रोटोकॉल बनाकर इनका उपयोग करना चाहिए ताकि संक्रमित व्यक्ति की सूचना और उस संक्रमित व्यक्ति तक प्रारंभिक कोरोना संबंधित दवाईयाँ यथाशीघ्र पहुँच सकें। मैं, राज्य सरकार से यह भी आग्रह करना चाहूँगा कि कोरोना के मामलों में निर्णय लेने की प्रक्रिया को विकेंद्रीकृत करें। जिला स्तर पर जिलाधिकारी इस युद्ध में सेनापति की भूमिका अदा करें और सूचना एकत्रीकरण में अपने रेवेन्यू, पुलिस और ग्राम विकास तंत्र का उपयोग करें। जिलाधिकारीयों के पास संक्रमण से लड़ने के लिए अनटाईड फंड उपलब्ध होना चाहिए।
माननीय मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य_सचिव, इधर लगातार सुविधाओं, दवाईयों, ऑक्सीजन, कोरोना बिस्तरों आदि की संख्या में वृद्धि की जानकारी दे रहे हैं, इन सूचनाओं से मनोवैज्ञानिक शक्ति मिलती है, इसे निरंतर जारी रखें। यदि आज मुख्यमंत्री जी हल्द्वानी सेक्टर में 200 ही सही आई.सी.यू. बेड बढ़ाने के प्रयासों का ब्यौरा दे दें तो उस क्षेत्र में व्याप्त चिंतायुक्त बेचैनी कुछ सीमा तक कम हो जायेगी। इसी प्रकार जाँच के लिए पहाड़ों और गाँवों में मोबाइल वैन और शहरी क्षेत्रों में टेस्टिंग बूथ स्थापित कर टेस्टिंग हेतू लग रही लंबी कतारों को कम किया जा सकता है।
हरीश रावत ने कहा कि मैं एक बार स्पष्ट कर दूं कि सरकार द्वारा लागू किये गये कर्फ्यू या लॉकडाउन को आधे दिल से उठाया गया कदम मान रहा हूँ, हमें आलोचक न समझें। हम अपनी नागरिक भूमिका का भी निर्वहन करना चाहते हैं, चाहे उसके लिए हमें अपनी फेसबुक पोस्ट का इस्तमाल लोगों से दिन में कुछ समय पेट के बल लेटने, तिमुर (तिमरू) के दाने चबाने व दतोण करने, भटवाणी और फांणू खाने और सब्जी में चौलाई,बेथुवा, कंडाली, पालक आदि का अधिक से अधिक उपयोग करने की सलाह देने तक ही सीमित क्यों न हो, तो मैं अपनी सलाहों के इस सिलसिले में मुख्यमंत्री_जी व राज्य के वित्त एवं स्वास्थ्य सचिव को यह पूर्णतः विचारिक सलाह देना चाहूँगा कि यदि संक्रमण के खिलाफ इस युद्ध को जीतना है तो समाज के कुछ ऐसे लोगों को छाटिये जिनकी आमदनी इस दौर में करीब-करीब नष्ट हो गई है, उन्हें जिंदा रहने के लिए कुछ लाईफ स्टाई फंड घोषित कीजिये और उन्हें नगद दीजिये।