उत्तराखंड के किसानों को रावत सरकार की बड़ी सौगात, कृषि यंत्रों पर छूट देने के लिए सरकार का बड़ा फैसला
उत्तराखंड के किसानों को त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने बड़ी राहत दी है। कल तक जो किसान कृषि यंत्रों पर सब्सिडी पाने के लिए सरकारी बाबुओं के दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर थे, अब उन्हें इससे राहत मिल गई है।
कृषि यंत्रों में सब्सिडी पाने के लिए अब किसानों को बाबुओं के दफ्तरे के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इस साल से किसान को कृषि यंत्रों पर छूट देने लिए के लिए रावत सरकार ने ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था की है। मतलब ये कि अब किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद में छूट पाने के लिए ऑन लाइन आवेदन करना होगा। सरकार ने ऐसा इसलिए किया है, ताकि भ्रष्टाचार और अधिकारियों की मनमानी पर रोक लगाई जा सकते और साथ ही इस योजना में पारदर्शिता लाई जा सके। पिछले साल तक किसानों को फार्म जमा कराने के लिए कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते थे, जो अब नहीं काटने पड़ेंगे।
कृषि विभाग की ओर से हर साल किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर अधिकतम 40 से 50 प्रतिशत छूट दी जाती है। ये लाभ पहले आओ पहले पाओ के आधार पर मिलता था। इसमें कई तरह की अनियमितता होने की संभावना बनी रहती थी। वहीं अधिकारियों पर अपने चहेते किसानों को फायदा पहुंचाने के भी आरोप लगते रहते थे। मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा चयनित किसानों को लाभ दिया जाता है।
अब विभाग के पोर्टल पर जाकर आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अगर कोई किसान कृषि यंत्रों पर छूट पाना चाहता है तो वह आवेदन करने के बाद यंत्रों को खरीदेगा। इसके बाद कृषि विभाग के अधिकारी कृषि यंत्र की जांच करेंगे। कृषि यंत्र और किसान का फोटो पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इसके बाद किसान को सब्सिडी का पैसा उसके खाते में डाल दिया जाएगा।
किसानों को सरकार तीन तरह से कृषि यंत्रों पर छूट देगी:
अगर किसान कृषि यंत्र का पूरा भुगतान कर देता है तो वो सब्सिडी का पैसा अपने खाते में ले सकता है। अगर किसान सब्सिडी का पैसा दुकानदार को देना चाहता है तो उसे एक लिखित प्रार्थना पत्र देना होगा। इसके बाद दुकानदार के खाते में सब्सिडी का पैसा ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इसके अलावा किसान और दुकानदार की सहमति पर सब्सिडी का पैसा कृषि यंत्र निर्माता कंपनी के खाते में भी डाला जा सकता है।