चमोली जिले कि नीती घाटी में ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार सुबह चमोली पहुंचकर सीमावर्ती इलाके का जायजा लिया।

इस दौरान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के साथ चमोली जिले के प्रभारी मंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत और विधायक बद्रीनाथ महेंद्र भट्ट भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि जिस स्थान पर यह घटना घटी है वहां सेना कल रात से ही पूरी तरीके से मुस्तैद है। साथ में आईटीबीपी के जवान भी राहत कार्य में लगे हैं ।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा जिला प्रशासन कल रात से ही रेस्क्यू कार्यों की मॉनिटरिंग में जुटा हुआ है, इसके साथ ही SDRF भी घटनास्थल के लिए आगे बढ़ी है, जगह जगह सड़क पर ग्लेयसीयर आए हुए हैं। जिसकी वजह से घटना स्थल तक बाक़ी की रेस्क्यू टीम को पहुँचने में काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बताया कि अभी तक जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार करीब 400 लेबर बीआरओ के साथ वहां काम कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 6 लोगों के मृत होने की सूचना अभी तक इस पूरे हादसे में सामने आ रही है, लगभग 392 के करीब लोग सेना के कैंप तक रेक्यू कर पहुंचे हैं, जबकि कुछ लोग अभी घायल अवस्था में है । गौरतलब है कि शुक्रवार रात इस पूरी घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस मामले में तात्परता दिखाते हुए स्वयं प्रभावित इलाके में पहुंचकर हालातों का जायजा लिया।

आपको बता दें कि शुक्रवार रात में ही भारत सरकार के ग्रह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने फ़ोन पर बात करते हुए केंद्र की ओर से रेस्क्यू हेतु हर सम्भव सहायता का आश्वासन दिया था। जिसके बाद आज सीएम ने इस पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए बिना किसी देरी के अपने सभी कार्यक्रम स्थगित कर प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया ।

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