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उत्तरकाशी के इस हवाई अड्डे से चीन की हर नापाक चाल पर सेना की पैनी नजर! एयरबेस पर उतरे दो चेतक हेलीकॉप्टर

चीन की हर चाल को चकनाचूर करने के लिए हमारे जवान चीनी सीमा से लगे इलाकों में तैनात हैं। उत्तराखंड के उत्तरकाशी से चीन की सीमा करीब सवा सौ किलोमीटर दूर है।

ऐसे में उत्तरकाशी में आईटीबीपी और सेना के जवान हर घड़ी चौकन्ना हैं। चीन की हर चाल पर जवानों की पैनी नजर है। चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे को सेना ने अस्थायी कैंप बना रखा है। मंगलवार को वायुसेना के दो चेतक हेलीकॉप्टर हवाई अड्डे पर उतरे। इस दौरान वायुसेना की 6 सदस्यीय टीम ने यहां आपातकाल ऑपरेशन के लिए व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

एलएसी पर भारत और चीन के बीच तनाव बरकरार है। यही वजह है कि सीमा के करीब जवान मुस्तैद हैं। उत्तरकाशी में चीन सीमा से सटे अग्रिम चौकियों पर आईटीबीपी के जवान तैनात हैं। वहीं, सेना के जवान सीमा से सबसे नजदीकी एयर बेस चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर तैनात हैं।

तहसीलदार पीएस चौहान के मुताबिक, वायुसेना के अधिकारियों ने यहां रनवे की लंबाई और चौड़ाई का जायजा लिया। इसके साथ एटीसी टावर, हैंगर, टर्मिनल भवन का भी अधिकारियों ने निरीक्षण किया। भविष्य में पड़ने वाली जरूरते को देखते हुए अधिकारियों ने बेस पर जरूरी सुविधाएं के इंतजाम करने के निर्देश दिए।

जब से एलएसी पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच ज्यादा टकराव बढ़ा है। तबसे चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डा पर सेना और मुस्तैद हो गई है। पिछले कई महीनों ये हवाई अड्डा सेना की छावनी में तब्दील है। सेना की हर्षिल छावनी के पास गंगोत्री हाईवे पर स्थित सिविल हेलीपैड को भी सेना ने छावनी में बदल दिया है। ड्रैगन की हर नापाक चाल पर भारतीय सेना नजरें गड़ाए हुए है।

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