उत्तराखंड में 30 हजार से ज्यादा नए मतदाता बने, सीईओ ने दी जानकारी
उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि राज्य में 15 जनवरी से 12 अक्टूबर तक 30 हजार 808 नये मतदाताओं की बढ़ोतरी हुई है।
सौजन्या ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 01 जनवरी 2021 की अर्हता तिथि पर दिनांक 15 जनवरी 2021 को उत्तराखण्ड में 78 लाख 15 हजार 192 मतदाता थे। जबकि 01 जनवरी 2022 की अर्हता तिथि पर कल सोमवार 01 नवम्बर के आलेख्य में कुल मतदाताओं की संख्या 78 लाख 46 हजार हो गई है।
उन्होंने बताया कि इस प्रकार 15 जनवरी से 12 अक्टूबर 2021 तक राज्य में 30 हजार 808 मतदाताओं की वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि प्रति हजार पुरूषों के सापेक्ष महिला लिंगानुपात में भी वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि 01 जनवरी 2022 की अर्हता तिथि के आधार पर अब एकीकृत निर्वाचक नामावली के आलेख्य पर एक नवम्बर से 30 नवम्बर 2021 तक दावे और आपत्तियां प्रस्तुत की जा सकती हैं।
30 नवम्बर तक प्रस्तुत दावों और आपत्तियों का निस्तारण 20 दिसम्बर 2021 तक किया जाएगा। इसके बाद निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन पांच जनवरी 2022 को किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बीएलओ द्वारा दिनांक 01 सितम्बर 2021 से 15 सितम्बर 2021 तक घर-घर जांच और सत्यापन का कार्य सम्पादित किया गया।
घर-घर जांच और सत्यापन के दौरान डीएससी, एकाधिक प्रविष्टियों और लॉजिकल त्रुटि आदि को हटाए जाने के लिए नियमानुसार कार्यवाही की गई। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विधानसभा निर्वाचक नामावली का एक जनवरी 2022 की अर्हता तिथि के आधार पुनरीक्षण से पूर्व प्रारम्भिक तैयारियों के आलोक में मतदेय स्थलों के मानकीकरण भी किया गया।
इसमें, किसी भी मतदाता को अपने आवास से मतदेय स्थल तक पहुंचने के लिए दो किमी से अधिक पैदल दूरी तय न करनी पड़े, इसलिये 1200 से अधिक मतदाता वाले मतदेय स्थलों को विभाजित किया जाना आदि बातों पर विशेष ध्यान दिया गया।
सौजन्या ने बताया कि भारत के ऐसे नागरिक जो दिनांक 01 जनवरी 2022 को 18 वर्ष या इससे अधिक की आयु पूर्ण कर रहे हैं, विधानसभा निर्वाचक नामावली में नाम सम्मिलित कराने के लिए प्रारूप-6 पर अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।
वर्तमान आलेख्य निर्वाचक नामावली में जिन निर्वाचकों के नाम, अन्य विभिन्न विवरण या फोटोग्राफ आदि त्रृटिपूर्ण अथवा अशुद्ध हैं, उसे सही कराने के लिए प्रारूप-8 पर आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यदि किसी का नाम त्रुटिवश विलोपित हो गया है तो भी नाम सम्मिलित कराने के लिए फार्म-6 भर सकते हैं। मुख्य निर्वाचत अधिकारी ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के नवीनतम दिशा-निर्देशों के अनुसार 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों, निर्वाचक नामावली में फ्लैग्ड किए गए दिव्यांगजनों के पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान की सुविधा प्रदान की जाएगी।
उत्तराखण्ड राज्य में आलेख्य निर्वाचक नामावली के अनुसार 80 वर्ष से अधिक आयु के निर्वाचकों की संख्या 165113 है, जबकि दिव्यांग निर्वाचकों की संख्या 53900 है।