देश में अब कोरोना संक्रमण की स्थिति विस्फोटक हो चुकी है। कई राज्यों में हालात गंभीर हैं। कोरोना की दूसरी लहर से उत्तराखंड के पर्यटन व्यवसाय को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है।
नैनीताल से लेकर मसूरी तक एडवांस बुकिंग कैंसिल होने का सिलसिला शुरू हो गया है। रामनगर, भवाली, भीमताल में भी बड़ी संख्या में लोगों ने बुकिंग निरस्त करवाई है। पर्यटक रोज कोविड नियमों की सख्ती का हवाला देकर एडवांस बुकिंग कैंसिल करा रहे हैं। कारोबारियों को डर है कि चारधाम यात्रा पर भी इसका असर पड़ सकता है।
प्रदेश में पर्यटन का सबसे अहम समय अप्रैल से जून होता है। कोरोना से पहले नैनीताल और मसूरी इन तीन महीनों में पूरी तरह पैक रहते थे। बीते साल ठीक इसी समय पर कोरोना ने पर्यटन कारोबार की कमर तोड़ दी थी। बड़ी संख्या में होटल कारोबार से जुड़े लोग बेरोजगार हुए थे। यही वजह थी कि इस साल से पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को बड़ी उम्मीद थी। लेकिन कोरोना ने फिर कारोबार की कमर तोड़नी शुरू कर दी है।
नैनीताल के होटल कारोबारियों के अनुसार नई गाइडलाइन के बाद 40 फीसदी तक बुकिंग रद हो गई हैं। मसूरी में एडवांस बुकिंग करा चुके 35 फीसदी लोगों ने उत्तराखंड आने से तौबा कर ली है।
नैनीताल-मसूरी के अलावा छोटे पर्यटन स्थलों का भी बुरा हाल है। रामनगर के आसपास के ढाई सौ रिजॉट्र्स और होटलों में रोज बुकिंग कैंसिल हो रही हैं। भवाली की स्थिति और खराब है। यहां 40 से अधिक यानी करीब 75 फीसदी होटलों के पास कोई बुकिंग नहीं है। जिनके पास एडवांस बुकिंग थी, उनमें भी 70 फीसदी कैंसिल हो गईं। इसी तरह भीमताल के रिजॉर्ट भी 50 फीसदी तक खाली चल रहे हैं।
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