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उत्तराखंड: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नीति घाटी को दी सौगात, घाटी में पहली बार बजी मोबाइल की घंटी

चमोली में भारत-तिब्बत सीमा से लगी नीति घाटी में दो 4-जी मोबाइल टॉवर ने काम करना शुरु कर दिया है।

टॉवर लगने के साथ ही इस इलाके में पहली बार मोबाइल फोन की घंटियां बजनी शुरू हुईं। रिलायंस जियो के मुताबिक, नीति घाटी में 10 टॉवर लगाने का काम मिला है, जिसमें दो को शुरू कर दिया गया है, बाकी 8 टॉवर के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। वटॉवरों के काम शुरू करने के बाद घाटी में रहने वाले स्थानीय नागरिकों, ग्रामीणों के साथ सेना के जवानों को भी 4-जी संचार सेवाए उपलब्ध हो पाएंगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नीति घाटी के सुग्गी और जुम्मा गांवों में इन मोबाइल टॉवर का उद्घाटन किया। जुम्मा गांव में हुए खास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री वर्चुअली भाग ले रहे थे। उद्घाटन कार्यक्रम में सांसद तीरथ सिंह रावत और बद्रीनाथ के विधायक महेद्र भट्ट भी शामिल रहे।

रिलायंस अध्यक्ष मुकेश अंबानी का धन्यवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “सीमांत क्षेत्र में अंतिम व्यक्ति को कनेक्टिविटी देने का वादा श्री अंबानी ने पूरा किया है। मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। मुकेश जी डेटा को ईंधन कहते रहे हैं और मुझे विश्वास है कि हमारे उत्तराखंड के नौजवान इस नई तकनीक और संचार व्यवस्था का लाभ उठाएंगे।”

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उन 11 गांवों के निवासियों को भी शुभकामनाएं दीं जो पहले फेज में जियो के नए टॉवरों के जरिए संचार सेवाओं से जुड़ गए है। देश में मोबाइल सेवाएं शुरू हुए 25 वर्ष हो चुके हैं लेकिन नीति घाटी के कई गांव आज तक मोबाइल सेवा का लाभ उठाने से महरुम थे।

ग्रामीणों को संचार सेवाओं के लिए 45 किलोमीटर दूर तक आना पड़ता था। भारत-तिब्बत सीमा से लगी इस घाटी में बड़ी संख्या में सेना और आईटीबीपी के जवान भी तैनात रहते हैं। ऐसे में जियो की 4-जी सेवाओं के शुरू होने का लाभ सुरक्षा एजेंसियों को भी मिलेगा। दुर्गम इलाके की स्थितियों और प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों के बावजूद रिलायंस जियो यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला ऑपरेटर बन गया है।

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