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बागेश्वर बनेगा कीवी उत्पाद का हब, उद्यान विभाग ने तैयार किया मास्टर प्लान!

बागेश्वर में कीवी उत्पादन से हो रहे मुनाफे को देखते हुए उद्यान विभाग अब जिले को कीवी उत्पादन हब बनाने की दिशा में काम कर रहा है।

उद्यान विभाग की प्लानिंग है कि जिले के नौ गांवों में 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल में कीवी के पौधे लगाए जाएं। जिले में उद्यान विभाग के सहयोग से लोग साल 2008 से कीवी का उत्पादन कर रहे हैं। जिले में चार हेक्टेयर क्षेत्रफल में कीवी का उत्पादन होता है। जिससे हर साल करीब पांच मीट्रिक टन कीवी का उत्पादन होतो है। विभाग की कोशिश है कि अब कीवी उत्पादन को कम कम 20 मीट्रिक टन तक पहुंचाया जाए।

विभाग के डीएचओ आरके सिंह ने बताया कि इस साल नवंबर से कपकोट, शामा, कर्मी, काफलीगैर, कौसानी, गरुड़, कांडा, वज्यूला, पिंगलों गांव में 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल में कीवी का प्लांटेशन किया जाएगा। आपका बता दें कि कीवी का पौधा समुद्र तल से एक हजार से दो हजार मीटर की ऊंचाई पर होता है। कीवी नवंबर से जनवरी तक फल देता है। एक पेड़ में डेढ़ क्विंटल तक उत्पादन होता है।

जिला उद्यान का इरादा दूसरे ड्राइ फ्रूट्स की खेती को बढ़ावा देने का भी है। विभाग का इरादा इस बार ठंड में एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में बादाम का प्लांटेशन करने का इरादा है। जबकि 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल में अखरोट के पौधे रोपे जाएंगे। पांच हेक्टेयर में आड़ू तो दो हेक्टेयर क्षेत्रफल में उन्नत किस्म की नाशपाती के पौधे रोपे जाएंगे।

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