चारधाम यात्रा: उत्तराखंड के श्रद्धालुओं के लिए बनाए गए ये नियम, यात्रा पर जाने से पहले इन्हें जान लें
उत्तराखंड चारधाम यात्रा को लेकर नई गाइलाइंस जारी की गई है। बाहरी लोगों की यात्रा को 30 जून तक स्थगित कर दी गई है। वहीं, राज्य के लोगों के लिए कई नियम बनाए गए हैं।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत हो गई है। चारधाम देवस्थानम बोर्ड ने चमोली, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन के साथ बैठक की। इस बैठक में कुछ लोगों का कहना था कि वर्तमान में चारधाम यात्रा 20 जून तक स्थगित किया जाना जनता के हित में होगा। लेकिन लेकिन ज्यादातर हक हकूक धारियों ने ये भी सहमति दी स्थानीय स्तर पर स्थानीय नागरिकों को सभी आवश्यक सावधानियों का पालन करते हुए अत्यंत सीमित संख्या में मंदिरों में भगवान के दर्शन किए जाने में आपत्ति नहीं है। साफ है कि उत्तराखंड के लोग ही फिलहाल दर्शन कर पाएंगे। फिलहाल बाहर के राज्यों से दर्शनार्थियों को धार्मिक स्थलों में जाने की 30 जून तक अनुमति नहीं होगी।
फैसला लिया गया है कि 30 जून तक राज्य के श्रद्धालु बदरीनाथ धाम में प्रतिदिन अधिकतम 1200 श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। वहीं, केदारनाथ धाम में प्रतिदिन अधिकतम 800 श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। गंगोत्री धाम में प्रतिदिन अधिकतम 600 श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। यमुनोत्री धाम में प्रतिदिन अधिकतम 400 श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।
राज्य के श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए ये नियम बनाए गए हैं:
- धाम में दर्शन का समय सुबह 7:00 से शाम 7:00 बजे तक रहेगा।
- तीर्थ यात्रियों को दर्शन करने के लिए निशुल्क टोकन प्राप्त करने होंगे, जिन्हें देवस्थानम बोर्ड द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।
- निशुल्क टोकन निर्धारित स्थान में काउंटर से प्राप्त होगा। टोकन काउंटर में शारीरिक दूरी बनाए रखना और मास्क लगाए रखना अनिवार्य होगा।
- टोकन में दर्शन के लिए निश्चित समय और तिथि अंकित होगी।
- 1 घंटे में अधिकतम 80 श्रद्धालु ही दर्शन कर पाएंगे।
- दर्शनों के लिए मंदिर के अंदर 1 मिनट का समय अनुमन्य होगा।
- दर्शन पंक्ति मंदिर परिसर में 120 मीटर की होगी, जिस पर 2 मीटर की दूरी पर बनाए गए चिन्हित गोले पर यात्रियों को खड़ा रहना होगा।
- विशेष पूजा करवाने वाले यात्रियों को सामाजिक दूरी के दृष्टिगत पूजा कराने हेतु बाध्यता होगी।
- बदरीनाथ धाम में प्रतिदिन 800 श्रद्धालुओं को निशुल्क टोकन आवंटित होंगे। एक व्यक्ति को एक समय में 3 से ज्यादा टोकन आवंटित नहीं होंगे।
- टोकन की जांच मुख्य द्वार पर ही की जाएगी।