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उत्तराखंड: खटीमा को सीएम धामी ने दी ‘क्रोकोडाइल सफारी’ की सौगात, जानें क्या है खासियत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को खटीमा में तराई पूर्वी वन प्रभाग में ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल का शुभारंभ किया।

इस मौके पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मुख्य रोड़ से ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल को जोड़ने के लिए जल्द ही डीपीआर बनाएं। ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल क्षेत्र में पार्क और कैंटीन के निर्माण जल्द किया जाए। मुख्यमंत्री धामी ने कहा की हमारी सरकार की अभिनव पहल है की हम स्थानीय लोगों के साथ मिलकर वनों, वन क्षेत्रों और वन्य जीवों से जुड़कर रोजगार की राह पर आगे चलेंगे।

उन्होंने कहा कि क्रोकोडाइल ट्रेल के बनने से जहां क्रोकोडायल्स का प्राकृतिक वास में संरक्षण और संवर्धन होगा वही क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इसकी स्थापना से रोजगार और आर्थिकीय गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि इसके बनने से इकोलॉजी, इकोनामी दोनों को ही मदद मिलेगी। इनके बनने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, होमस्टे के माध्यम से क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। सीएम ने कहा कि क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों को क्रोकोडाइल सफारी के साथ ही अच्छी हवा, जलवायु,वातावरण मिलेगा।

ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल कहां है?

सुरई ईकोटूरिज्म जोन की पश्चिमी सीमा पर ककरा नाला स्थित है। यह नाला क्रोकोडाइल (मार्श मगरमच्छ) का प्राकृतिक वास स्थल है। मीठे पानी के स्रोतों में पाई जाने वाली मगरमच्छ की यह प्रजाति भूटान और म्यांमार जैसे तमाम देशों में विलुप्त हो चुकी है। अंडा देने वाली यह प्रजाति बेहद खतरनाक मानी जाती है। मौजूदा समय में इस नाले में 100 से अधिक मार्श मगरमच्छ हैं। पर्यटक इन मगरमच्छों का आसानी से दीदार कर सकें इसके लिए 4 किलोमीटर लम्बे नाले को चैनलिंग फेंसिंग करके ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल के रूप में विकसित किया गया है। यह राज्य का पहला क्रोकोडाइल ट्रेल है। ट्रेल में तीन व्यू प्वाइंट और कई वॉच टॉवर बनाए गए हैं ताकि मगरमच्छों का सुरक्षित तरीके से नजदीक से दीदार हो सके।

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