DehradunNewsउत्तराखंड

उत्तराखंड: डिजिटल क्रांति की ओर प्रदेश का एक और बड़ा कदम, मुख्यमंत्री ने किया ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर का शुभारंभ

ये डिजिटिल क्रांति और आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस का दौर है। कोरोना महामारी ने इसकी अहमियत को और बढ़ा दिया है।

अब ज्यादातर प्राइवेट से लेकर सरकारी दफ्तर तक कर्मचारी ऑनलाइन मीटिंग कर रहे हैं। ताकि वक्त की बचत हो और कोरोना वायरस के प्रसार पर रोक लगाई जा सके, क्योंकि लोग एक-दूसरे के संपर्क में जितना कम आएंगे, उतना ही कम चांस है कि उन्हें कोरोना हो। उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार भी डिटिल क्रांति को को बढ़ावा दे रही है। इसी कड़ी में सीएम ने सचिवालय में ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर का शुभारंभ किया। ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर एक स्मार्ट मीटिंग मैनेजमेंट सिस्टम है। इस सिस्टम के जरिये मुख्यमंत्री दरफ्तर और सचिवालय में होने वालीं बैठकों का और बेहतर तरीके से आयोजन किया जा सकेगा।

ई-मीटिंग सिस्टम का शुभारंभ करते हुए सीएम रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया की सोच की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। प्रदेश में ई-कैबिनेट, ई-ऑफिस की शुरुआत तो पहले ही हो गई थी, अब ई-मीटिंग की शुरुआत भी हो गई है। ई-मीटिंग प्रणाली से अधिकारियों के काम करने की गति में और तेजी आएगी। मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग के जरिये काम को प्रभावी और उत्पादक बनाया जा सकेगा। राज्य सरकार का मुख्य विजन राज्य को आईटी हब बनाने का है।

नए सिस्टम के शुभारंभ पर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि ई-मीटिंग प्रणाली से पहले हुई बैठकों में लिये गए फैसले भी आसानी से उपलब्ध होंगे और पेपरलेस काम होगा। मंत्रियिों और मुख्य सचिव की बैठकों के लिए भी ई-मीटिंग प्रणाली अपनाई जा सके, इसके लिए निजी सचिवों को भी ट्रेन किया जा रहा है। ओम प्रकाश ने कहा कि ये कोशिश की जा रही है कि इस साल दिसंबर तक सभी सरकारी दफ्तर ई-ऑफिस पर आ जाएं। नए सिस्टम के तहत मीटिंग में शामिल होने वाले अधिकारी दो से तीन दिन पहले ही सीएम को मीटिंग का एजेंडा भेज देंगे और उसके बाद ही मीटिंग होगी।

कैसे काम करेगा सॉफ्टवेयर?
ई-मीटिंग के लिए बनाए गए सॉफ्टवेयर का एक पोर्टल emeeting.uk.gov.in बनाया गया है। ई-मीटिंग तकनीक से बैठक का एजेंडा और कार्यवृत्त ऑनलाइन स्टोर होंगे। मीटिंग के आयोजन के लिए संबंधित अधिकारी बैठक की तैयारियों और समय दिखाए जाने वाले डाटा का मीटिंग से पहले सत्यापन कर लेंगे। इसके बाद मीटिंग में शामिल करने वाले अधिकारियों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज होगी। मीटिंग के दौरान दिए गए लक्ष्यों की समय सीमा पूरी होने पर वो ऑटोमेटिक अलर्ट ई-मेल और एसएमएस के जिरिये अधिकारियों को मिलेंगे। आपको बता दें कि साफ्टवेयर एनआईसी, आईटी और मुख्यमंत्री कार्यालय की मदद से तैयार हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *