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उत्तराखंड: लॉकडाउन के बीच सरकार का बड़ा कदम, इस जिले में घर-घर मिल रही स्वास्थ्य सेवाएं

कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाने के लिए इन दिनों देश में चल रहे लॉकडाउन की वजह से ओपीडी सेवा बाधित है।

ओपीडी सेवा बाधित होने की वजह से मरीजों को इलाज न मिलने पर उत्तराखंड के पौड़ी जिले में गांव-गांव एम्बुलेंस के माध्यम से क्लीनिक चला कर लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं। सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बाधित होने के बाद ये कदम उठाया है। जिले के प्रभारी और वन मंत्री हरक सिंह रावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पौड़ी जिले में ज्यादातर पहाड़ी गांव हैं। यहां पर लॉकडाउन की वजह से वाहन नहीं चल पा रहे हैं। ऐसे में यहां पर छोटी-मोटी बीमारियों में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए हमने एम्बुलेंस में ही क्लीनिक चलाने के निर्देश दिए हैं। पौड़ी जिले के गांव-गांव में लोगों को सुविधाएं दी जा रही हैं।

हरक सिंह रावत ने कहा कि ब्लॉकों से अस्पतालों की दूरी 40-50 किलोमीटर के बीच है। पहाड़ों के लोग साइकिल से कम चलते हैं। ओपीडी सेवाएं बंद होंने से उन्हें अस्पताल तक पहुंचने में परेशानी हो रही है। इसीलिए 15 ब्लॉकों वाले इस जिले में यह सेवा शुरू की दई है।

उन्होंने ने बताया, “एम्बुलेंस को क्लीनिक की तरह इस्तेमाल करने से लोगों को कम से कम छोटी-छोटी बीमारियों से निजात मिल जाएगी। इस दौरान कोई भी गंभीर मरीज होगा, तो उसे एम्बुलेंस के माध्यम से अस्पताल तक भी पहुंचाया जाएगा। अगर इस दौरान उसे छोटे अस्पताल में इलाज नहीं मिला तो बड़े अस्पताल में भेज दिया जाएगा। इस दौरान गाड़ियों में आने वाला व्यय आपदा मद के माध्यम से लिया जाएगा।”

हरक सिंह रावत ने बताया कि फिलाहाल एम्बुलेंस में एक डॉक्टर और फार्मासिस्ट अपने उपकरण के साथ मौजूद रहेगा। इस दौरान जीवन रक्षक दवाइयां भी उपलब्ध रहेंगी। जिससे लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य की सुविधा मिल सकेगी और उनकी परेशानी कम होगी।

मंत्री ने बताया, “एम्बुलेंस क्लीनिक संचालन की सारी व्यवस्था बीडीओ (खंड विकास अधिकारी) के देखरेख में की जाएगी। खंड विकास अधिकारी इसकी देखरेख करेंगे। इस दौरान कोई समस्या आएगी तो उसे भी वह हल करेंगे। क्योंकि सीएमओ इस दौरान कोरोना जैसी महामारी की व्यवस्था को देख रहे हैं।”

उन्होंने बताया, “पौड़ी जिले में अभी तक बाहर से आने वाले 11 हजार 118 लोगों का पता लगाया गया है। उन्हें क्वारंटाइन कराया जा रहा है। इसके लिए सभी बीडीओ, ग्राम पंचायत, विकास अधिकारी से लेकर ग्राम प्रधानों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस दौरान जिले की अवाश्यक सेवाओं को बहाल रखा जाएगा।”

पौड़ी जिले के सीएमओ डॉ. मनोज बहुखण्डी ने कहा, “एम्बुलेंस में फिलाहाल एक डाक्टर ही रहेगा। इस दौरान बुखार, खांसी, जुकाम जैसे बिमारियों का इलाज हो सकेगा। इन बीमारियों से संबधित दवाएं भी मौजूद रहेंगी। हमारे जिले में कुल 108 की सेवाओं और प्राइवेट मिलाकर 21 – 22 एम्बुलेंस है। सभी को एक बार घुमा दिया जाएगा। इस दौरान लोगों को देखकर उन्हें जो संभव होगा वह इलाज दिया जाएगा। क्योंकि हमारा पूरा महकमा इन दिनों कोरोना को लेकर बहुत ज्यादा सक्रिय है।”

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