देहरादून: किस मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रखा मौन व्रत?
पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सूबे में बेरोजगारी का मुद्दा जोर-शोर से उठा रहे हैं।
गुरुवार को उन्होंने सरकारी विभागों में आवेदन करने की चाहत रखने वाले बेरोजगार युवकों की उम्र सीमा बढ़ाने की मांग को लेकर एक घंटे का मौन व्रत रखा। हरीश रावत ने कहा कि सरकार की रोजगार विरोधी नीतियों की वजह से ही बीते चार सालों से सरकारी पदों पर भर्ती नहीं निकली है। सरकारी विभागों में कर्मचारियों और अधिकारियों के पद खाली चल रहे हैं। शिक्षा विभाग हो या फिर अन्य विभाग इससे कई बेरोजगार की उम्र ज्यादा हो गई है। ऐसे युवाओं के पास शैक्षिक योग्यता तो है मगर उनके हाथ से यह अवसर निकल रहा है। ऐसे में जब सरकार खाली पदों की विज्ञपान जारी कर रही है तो वो अपनी उम्र तलाश रहे हैं, मगर उन युवाओं के अब उम्र निकल चुकी है, जिससे इन युवाओं में बड़ी निराशा है।
पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने मांग करते हुए कहा कि युवाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए आवेदन के लिए सरकार को कम से कम चार साल और उम्र बढ़ानी चाहिए। ताकि बेरोजगर युवक सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन कर सकें।