देहरादून: यूपी की फराह ने तोड़ा धर्म का बंधन, उत्तराखंड के नमन के साथ ली सात फेरे
उत्तर प्रदेश की मेरठ की रहने वाली मुस्लिम लड़की फराह ने ऋषिकेश के नमन के साथ सात फेरे लिये। फराह के घर वाले उसकी इस शादी के खिलाफ थे।
कहते हैं कि प्यार धर्म की बंदिशों से परे है। वो कसी सीमाओं में नहीं बंधता। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। उत्तर प्रदेश की मेरठ की रहने वाली मुस्लिम लड़की फराह ने ऋषिकेश के नमन के साथ सात फेरे लिये। फराह के घर वाले उसकी इस शादी के खिलाफ थे, लेकिन उसने प्यार के लिए घरवालों की मर्जी के खिलाफ जाकर शादी की। शादी के बाद माही बनी फराह ने कोर्ट में बयान देते हुए प्रेमी नमन के साथ रहने की बात कही जिसके बाद पुलिस ने माही को थाने से ही नमन के साथ विदा किया है। इस दौरान माही ने खुद अपने हाथों से थाना परिसर में मौजूद लोगों को मिठाई बांटकर मुंह मीठा कराया है। सास-ससुर के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
शादी में आई बड़ी मुश्किलें
फराह और नमन दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं और शादी करना चाहते थे। अलग-अलग धर्मो के होने की वजह से फराह के परिजनों ने उसका विरोध करते हुए घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी थी। जिसके बाद 13 दिसंबर को फराह बिना किसी को बताए नमन के साथ घर से ऋषिकेश चली गई। जहां दोनों ने एक मंदिर में शादी कर ली और शादी के बाद फराह ने अपना नाम बदलकर कर माही रख लिया।
फराह के घर से भाग जाने पर उसके परिवार वालों ने नमन के खिलाफ बहला-फुसला कर भगा ले जाने का मुकदमा दर्ज कराया था। वहीं नमन के पिता ने मुस्लिम परिवार के खिलाफ बेटे के अपहरण की तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की थी। पुलिस ने गंभीरता दिखाते हुए ऋषिकेश के होटल से प्रेमी जोड़े को ढूंढ लिया।
पुलिस ने फराह का कोर्ट में पेश कर 164 के तहत बयान कराए। जहां फराह से माही बन चुकी प्रेमिका ने पति नमन के साथ जाने की बात कही। माही ने कहा कि वह बालिग है और अपने होश-हवास में नमन के साथ शादी की है। अब वो नमन के साथ ही रहना चाहती है। उसने नमन के साथ जीने मरने की कसम खाई हुई है। अगर उसे उसके घर भेजा गया तो वह जीवित नहीं रहेगी। पुलिस ने बयान दर्ज कर दोनों को छोड़ दिया। इस दौरान थाने में दोनों के परिजन पहुंचे हुए थे। फराह के परिजनों ने उसे समझा कर घर ले जाने की लाख कोशिश की लेकिन फराह, नमन के साथ जाने की जिद्द पर अड़ी रही। जिसके बाद पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर फराह उर्फ माही को थाने से नमन और उसके परिजनों के साथ विदा किया।