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उत्तराखंड: विस्थापितों को त्रिवेंद्र सरकार ने दी बड़ी खुशखबरी, अब मिलेगा पर्मामेंट ठिकाना

प्राकृतिक आपदा की वजह से घर छोड़ने को मजबर होने वाले लोगों के लिए राहत की खबर है। त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार अब विस्थापितों को दूसरी जगह पर बसाने की तैयारी कर रही है।

ऐसे लोगों को प्रदेश सरकार जंगल की जमीन पर बसाना चाहती है। इसको लेकर प्रदेश की तरफ से केंद्र को जंगल की जमीन का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव भेजा जाएगा। शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक की। जिसमें उन्होंने जिलाधिकारियों को इस तरह का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने का आदेश भी दिया है। मीटिंग में सीएम ने सभी जिलों के डीएम से कहा कि विस्थापित होने वाले गांवों के लिए भूमि बैंक भी बनाया जाए। विस्थापित होने वाले गांवों की सूची भी बनाई जाए। साथ ही सीएम ने आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों को तीन दिन में मुआवजा देने का आदेश भी जारी किया।

सीएम ने मीटिंग में अधिकारियों से कहा कि आपका की वजह से बंद हो गई सड़कों को जल्द खोलने के लिए काम किया जाए और जो लोग भी आपका से प्रभावित हुए उनके रहने और खाने की सही व्यवस्था की जाए। आपको बता दें कि आपदा प्रबंधन की रिपोर्ट के मुताबिक 54 गांव तो ऐसे हैं जिनके तुरंत विस्थापन की जरूरत है। 26 गांवों के विस्थापन के लिए 26 करोड़ रुपये जारी हुए हैं। सीएम ने बताया कि आपदा मद में जिलाधिकारियों को 103 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इसके अलावा 5-5 लाख रुपये उन्हें अतिरिक्त दिए गए हैं। केंद्र सरकार ने आपदा मद में करीब 468 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। आपदा से संबंधित काम के लिए दूसरे विभागों को 189 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इस मामले को लेकर आयुक्त कुमाऊं मंडल की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित है। 

गौरतलब है कि कि प्रदेश में मॉनसून की वजह से आई आपदा की वजह से अबतक 62 लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि 33 घायल हुए और चार लोग लापता हैं। इसके साथ ही 357 छोटे और बड़े पशुओं का नुकसान हुआ और 237 मकान पूरी तरह से गिर गए हैं। सबसे ज्यादा नुकसान पिथौरागढ़ में हुआ है।

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