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उत्तराखंड: खाली पड़े सरकारी स्कूलों को लेकर सरकार की शानदार योजना, गांवों के लोगों को मिलेगा रोजगार

उत्तराखंड में खाली पड़े सरकारी स्कूलों के इस्तेमाल के लिए राज्य सरकार ने अनोखा प्लान तैयार किया है। सरकार की इस योजना से प्रदेश के लोगों को रोजगार मिलेगा।

प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए त्रिवेंद्र सरकार लगातार कदम उठा रही है। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने राज्य भर में खाली पड़े सरकारी स्कूलों को होम स्टे में परिवर्तित करने का फैसला लिया है। अब इन सरकारी स्कूलों का इस्तेमाल ट्रैकिंग और यात्रा रूट की ट्रेनिंग के लिए किया जाएगा।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में बंद पड़े सरकारी स्कूल के भवनों के इस्तेमाल की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि इन भवनों को होम स्टे बनाया जाएगा। पर्यटन मंत्री ने कहा कि योजना के तहत चौबट्टाखाल के कुछ सरकारी स्कूलों का चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही योजना को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।

सतपाल महाराज ने कहा कि पहाड़ के गांवों में ऐसे सैकड़ों सरकारी स्कूल हैं, जिनमें छात्रों की संख्या शून्य होने के चलते बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इन सरकारी स्कूलों के भवनों पर या तो अवैध कब्जे हो रहे हैं, या फिर परिसर में असामाजिक तत्व रहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में इन खाली पड़े स्कूलों को होम स्टे योजना से जोड़कर इनका बेहतर इस्तेमाल किया जाएगा। जाहिर सरकार के इस फैसले से से पहाड़ के गांवों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। ऐसे में लोगों इससे सीधा फायदा होगा। लोगों को राजगार मिलेंगे।

सतपाल महाराज ने चौबट्टाखाल के सरकारी स्कूलों के बार में बात करते हुए कहा कि जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, वहां गेस्ट टीचर्स की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि स्कूल में सुविधाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। पर्यटन मंत्री ने कहा कि ई-लर्निंग और वर्चुअल क्लास को प्रभावी बनाने के निर्देश भी दिए हैं।

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