हरिद्वार में इस साल होने वाले महाकुंभ की तारीख फाइनल हो गई है। भराड़ीसैंण में हुई कैबिनेट की मीटिंग में इस पर मुहर लगी कि महाकुंभ का आयोजन एक अप्रैल से लेकर 30 अप्रैल तक होगा।
इसके अलावा मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर भी सहमति बनी कि महाकुंभ में टेंट कॉलोनी बनाने की जरूरत नहीं है। महाकुंभ के आयोजन की सारी तैयारी पूरी हो गई है। घाट की सफाई के साथ ही इलाके की दीवारों पर सांस्कृतिक पेंटिंग की जा चुकी है। कुंभ के लिए साधु संतों का आना भी शुरू हो गया है। सबसे पहले धर्मध्जवा फहराने के साथ महाकुंभ का आगाज करने वाला पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी तीन मार्च को सबसे पहले पेशवाई भी निकालेगा। पेशवाई तीन मार्च को SMJN पीजी कॉलेज से निकाली जाएगी। पेशवाई के संबंध में अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी ने बताया कि निरंजनी अखाड़े की पेशवाई बहुत ही भव्य होगी, जिसको देखने के लिए शहर भर के लोग बाहर निकलेंगे।
पेशवाई तकरीबन 3 किलोमीटर लंबी रहेगी। इसमें एक हजार के लगभग नागा संन्यासी शामिल होंगे। इसके साथ ही अखाड़े के 50 से अधिक महामंडलेश्वर इस पेशवाई में मौजूद होंगे। अखाड़े की पेशवाई के लिए खास तौर पर नासिक से बैंड मंगाया गया है। इसके अलावा पेशवाई में रामपुर से मंगाया गया हाथी भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा। पेशवाई के दौरान 5 ऊंट भी मौजूद रहेंगे, जो शहर भर के बच्चों, बुजुर्गों और युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करेंगे। उत्तराखंड की लोक संस्कृति की भी पेशवाई में झलक देखने को मिलेगी।