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उत्तराखंड: कोरोना काल में जेल बंदियों को राहत देने से हाईकोर्ट का इनकार, पेरोल बढ़ाने की मांग की गई थी

नैनीताल हाईकोर्ट ने कोरोना महामारी के चलते जेल बंदियों का पेरोल बढ़ाने के मामले में राहत नहीं दी है।

जेल बंदियों के लिए काम करने वाली संस्था नेशनल फोरम फार प्रीजन रिफार्म्स ने राहत की मांग की थी। हाईकोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता हाई पावर कमेटी के पास अपने प्रत्यावेदन प्रस्तुत करे। नेशनल फोरम फार प्रीजन रिफार्म्स के संचालक की ओर से इस मामले में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। संस्था की ओर से कहा गया कि राज्य में कोरोना महामारी का खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में जेलों में बंद बंदी भी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं।

प्रदेश में पेरोल पर छोड़े गये बंदियों को वापस सरेंडर करने का निर्देश दिया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि हाईकोर्ट के आदेश पर हाल ही में दिल्ली में जेल बंदियों का पेरोल 21 जनवरी तक बढ़ाया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत से प्रदेश में जेल बंदियों का पेरोल बढ़ाए जाने की मांग की गई थी।

अदालत ने इस मामले में याचिकाकर्ता को राहत नहीं दी और उसके अनुरोध पर इस संबंध में एक प्रत्यावेदन हाई पावर कमेटी के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा है। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने कोरोना महामारी के देखते हुए इसी साल 23 मार्च को सभी राज्यों में एक हाई पावर कमेटी के गठन के निर्देश दिये थे और उसकी अनुसंशा पर बंदियों को पेरोल पर छोड़ने को कहा था। सके बाद राज्य में 667 जेल बंदियों को पेरोल पर छोड़ा गया था।

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