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उत्तराखंड में पॉलीथिन में सामान बेचने वाले दुकानदार सावधान! अब लगेगा इतना जुर्माना, हाईकोर्ट का फैसला

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने पॉलीथिन में सामने बेचने पर जुर्माने में बदलाव किया है।

हाईकोर्ट के फैसले के मुतबाकि, अगर कोई दुकानदार पॉलीथिन में सामान बेचते हुए पकड़ा जाता है तो उसके ऊपर प्रति पॉलीथिन 500 रुपये का जुर्माना लगेगा। इस आदेश का मतलब ये है कि जितने भी पॉलीथिन आपके पास से बरामद किए जाएंगे उसकी गिनती करने के बाद प्रति पॉलीथिन पर जुर्माना लगेगा। इससे पहले नियम था कि अगर किसी दुकानदार के पास पॉलीथिन पाई जाती है तो उसके ऊपर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगता था। लेकिन अब इसमें हाईकोर्ट ने बदलाव कर दिए हैं।

बागेश्वर नगरपालिका ने शासनादेश के प्रावधान के मुताबिक, व्यापारियों के पांच-पांच हजार के चालान कर दिए तो दुकानदारों ने पांच हजार चालान करने को याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। पिछले दिनों जस्टिस शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने पांच हजार जुर्माने के फैसले को सही करार देते हुए साफ किया था कि जुर्माना प्रति पॉलीथिन-प्लास्टिक बैग पांच सौ रुपये भरना होगा।

एकलपीठ के आदेश को बागेश्वर के व्यापारी मदन लाल और निर्मल कुमार साह याचिका दायर कर चुनौती दी थी। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंठपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए एकलपीठ के प्रति पॉली बैग 500 रुपये जुर्माने के आदेश को सही ठहराया।

पॉलीथिन को लेकर कब-कब बदले नियम:

  • 2012 में हाई कोर्ट ने प्रति पॉलीथिन 500 रुपये चालान काटने का आदेश पारित किया था।
  • 2015 में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पूरे राज्य में पॉलीथिन के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया था।
  • 11 जनवरी, 2017 को राज्य सरकार ने पॉलीथिन पकड़े जाने पर दुकानदार पर 5 हजार जुर्माने का प्रावधान कर दिया था।
  • 30 जुलाई, 2019 हाई कोर्ट ने एक बार फिर प्रति पॉलीथिन 500 रुपये चालान काटने का आदेश दिया है।

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