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उत्तराखंड: आप में कोरोना संक्रमण के लक्षण मिलने पर कहां होगी मुफ्त जांच, कहां टेस्ट के लिए देने होंगे पैसे? पढ़ लीजिये

कोरोना पर लागू पाने के लिए केंद्र सरकार अब ज्यादा से ज्यादा लोगों का टेस्ट कराना चाहती है। इसके लिए उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार भी प्रतिबद्ध है।

सरकार ने कुछ प्राइवेट लैब को भी टेस्ट करने की इजाजत दे दी है। लेकिन वो मुफ्त होगी या इसके लिए आपको पेमेंट करना हो ये अलग-अलग शख्स पर निर्भर करेगा। निजी हॉस्पिटल या क्लीनिक के डॉक्टर की सलाह पर कोई मरीज सीधे निजी लैब में कोरोना का टेस्ट करवाता है तो उसे पैसे देने होंगे। फिर चाहे उसके पास आयुष्मान योजना का गोल्डन कार्ड ही क्यों ना हो। किसी भी शख्स को मुफ्त जांच की सुविधा तभी मिल सकती है जब आयुष्मान योजना में पंजीकृत सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मरीज भर्ती होगा।

आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अभी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी और एम्स ऋषिकेश में कोरोना की जांच हो रही थी। अब सूबे में एक निजी लैब में भी कोरोना वायरस की जांच शुरू हो गई है। लेकिन प्राइवेट लैब में किसी को भी जांच कराने के लिए कम से कम 4500 रुपये चुकाने पड़ेंगे। इसकी वजह ये है कि कोरोना टेस्ट की जांच किट काफी महंगी है और इसका इस्तेमाल सिर्फ एक बार ही हो पाता है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर टेस्टिंग प्रोटोकॉल के मुताबिक कोरोना के संदिग्ध लक्षण दिखाई देने पर सैंपल की जांच करने की सलाह दे सकते हैं।

ICMR की इजाजत के बाद प्राइवेट पैथोलॉजी में डॉक्टर की सलाह पर कोई भी मरीज कोरोना वायरस का टेस्ट करा सकता है। डॉक्टरों को टेस्टिंग प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करना होगा। आयुष्मान योजना में मुफ्त सैंपल जांच की सुविधा है। लेकिन वह तभी मिलेगी, जब मरीज योजना में पंजीकृत अस्पतालों में इलाज कराएगा और अगर सरकारी अस्पतालों से कोई सैंपल जांच के लिए निजी लैब भेजा जाता है तो उसका भुगतान विभाग करेगा।

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