उत्तराखंड: कोरोना के बीच नई ‘आफत’ से मचा कोहराम, पिथौरागढ़ में 70 भेड़-बकरियों की मौत
उत्तराखंड में लॉकडाउन के बीच लोग कोरोना वायरस से दहशत में हैं। इस बीच पिथौरागढ़ में आसामानी आफत से कोहराम मच गया है।
पिथौरागढ़ जिले में वज्रपात की वजह से 70 भेड़-बकरियों की मौत हो गई। आसमामी आफत से जिले में हड़कंप मचा गया है। भेड़-बकरियों की मौत की खबर तहसील प्रशासन को दे दी गई है। जिले में प्रकृति आपदाएं कई बार कहर बरसा चुकी हैं। जिले में मौसम पिछले कई दिनों से रंग बदल रहा है। मई में कई बार आंधी-पानी आने से फसलें नष्ट हो गई हैं। वहीं, नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है।
जिले में दो दिन तक मौसम ठीक रहने के बाद शनिवार से फिर से खराब हो गया है। जिले के अलग-अलग इलाकों में बारिश हुई है। भारी बारिश से पिथौरागढ़ के अंतर्गत सेलोनी-पटखानी मार्ग पर मलबा आग या है। मलबा आ से मार्ग को यातायात के लिए बंद हो गया है। वहीं, बेरीनाग इलाके में फिर से भारी और ओलावृष्टि हुई है। तहसील बंगापानी के गोल्फा इलाके में आसमानी बिजली गिरने से 70 भेड़-बकरियों की मौत हो गई। प्रह्लाद सिंह और प्रकाश राम की बकरियां जंगल में एक साथ चर रही थीं।
शनिवार सुबह से दोपहर तक मौसम साफ था और धूप खिली रही। दोपहर बाद बादलों की आवाजाही होने लगी। शाम को जिला मुख्यालय सहित पूरे जिले भर में तेज बारिश हुई। नगर में तेज बारिश से नालियों का पानी सड़कों पर बहने लगा।
तहसील के वड्डा इलाके में कुसेरी बैंड-सेलोनी-पटखानी मार्ग पर बारिश से मलबा आ गया। मलबा आने से सड़क धंस गई है। मार्ग यातायात के लिए बंद हो गया है। ग्रामीणों को अपने बाजार वड्डा पैदल आना पड़ रहा है। दूसरे मार्गों पर भी हल्का मलबा आया है, लेकिन मार्ग यातायात के लिए खुले हैं। शनिवार शाम को इलाके में ओलावृष्टि हुई है।
बेरीनाग में इस सीजन में 6 बार से ज्याद बार ओलावृष्टि हो चुकी है। ओलावृष्टि से फसल, फल और साग सब्जी को भारी नुकसान पहुंचा है। बची हुई फसल शनिवार को हुई ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई। जिसे लेकर ग्रामीण परेशान हैं। मुनस्यारी से मिली जानकारी के मुताबिक, यहां पर आसमान घने बादलों से ढका रहा, लेकिन बारिश नहीं होने से लोगों को राहत मिली है।