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पिथौरागढ़: पहाड़ों से क्यों लोग कर रहे हैं पलायन, जान लीजिये वजह?

पिथौरागढ़ में पहाड़ों में बसे गावों के लोग बड़ी तादाद में पलायन करने को मजबूर हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब 10 हजार लोगों में से 8.72 फीसदी लोग ऐसे हैं जिन्होंने कृषि उत्पादन में कमी और जंगली जानवरों के डर से पहाड़ छोड़ा है। इसके अलावा रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के बाद जंगली जानवर और कृषि ऐसे मामले हैं जिसको लेकर सबसे ज्यादा लोगों ने पलायन किया है। आपको बता दें कि जिले में 1739 राजस्व गांव हैं। इनमें से आबाद गांवों की संख्या 1640 है। जिले के कुल 973 गांव पलायन की जद में हैं। पलायन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक सीमांत जिले पिथौरागढ़ के 384 गांवों से लोगों ने बड़ी संख्या में पलायन किया है। जिले के जिन दस हजार लोगों ने स्थायी रूप से पलायन किया उनमें सबसे ज्यादा 42.81 फीसदी पलायन रोजगार की तलाश में घर छोड़ा है। शिक्षा के लिए 19.15 प्रतिशत, 10.13 प्रतिशत लोग मेडिकल सुविधाओं के लिए शहरों में रहने लगे।

पलायन की एक बड़ी वजह जंगली जानवरों का डर और खेती उत्पादन में कमी रहा है। इसके चलते 8.72 प्रतिशत लोगों ने खेतीबाड़ी को तिलांजलि दे दी। इनमें जंगली जानवरों के भय से 4.6 प्रतिशत जबकि कृषि उत्पादन में कमी के कारण 4.66 प्रतिशत लोगों ने गांव छोड़ दिए हैं। चिंताजनक बात यह है कि किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे जानवरों के आतंक से निपटने के लिए अभी भी कोई ठोस नीति नहीं बन पाई है। बंदर, सूअर, सेही किसानों की मेहनत पर लगातार पानी फेर रहे हैं।

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