उत्तराखंड: पहाड़ों में सड़क दुर्घटनाओं की ये है सबसे बड़ी वजह, आखिर कब संज्ञान लेगा प्रशासन?
उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली विधानसभा में थराली घाट मोटरमार्ग, जहां थराली से घाट को जाने वाली सड़क का काम रुईसान में पिछले कई सालों से अटकी पड़ी है।
थराली से रुईसान के बीच सड़क भी उतनी ही बदहाल है। आए दिन दुर्घटनाओं को न्योता दे रही है। सड़क की कम चौड़ाई और सड़क पर बने गड्ढे इस सड़क पर चलने वाले वाहनों के लिए मुश्किलों का सबब बने हुए हैं। थराली से सोल घाटी को जोड़ने वाली इस सड़क से इस घाटी के 16 गांवों के लोग लाभान्वित होते हैं। रोजमर्रा की जरूरतों और तहसील, ब्लॉक संबंधी कार्यों के लिए सैकड़ों ग्रामीण रोजाना इस मार्ग से जान हथेली पर रखकर आवाजाही करते हैं। सड़क पर पर कई जगहों पर हादसे हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन हादसों से सबक नहीं ले रहा है। बताया जा रहा है कि ये सड़क आरटीओ पास भी नहीं है, बावजूद इसके धड़ल्ले से इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही लगातार जारी रहती है।
बीते गुरुवार को भारत गैस के सिलेंडर वितरण करने सोल घाटी को जा रहा वाहन सड़क की बदहाली के चलते दुर्घटनाग्रस्त हो गया। खड़ी चढ़ाई, उबड़ खाबड़ सड़क पर भारत गैस की गाड़ी बमुश्किल 25 सिलेंडरों का वजन उठाकर भी आगे न बढ़ सकी और खिसकते हुए वापस सड़क किनारे रखे बड़े-बड़े बोल्डरों से जा टकराया। ड्राइवर ने सूझबूझ से बड़ा हादसा होने से बचा लिया, वरना सिलेंडर से भरे वाहन के पलटने से हादसा हो सकता था।
मोटरमार्ग पीडब्ल्यूडी के पास है, लेकिन पिछले कई वर्षों से ग्रामीणों की शिकायतों और ऐसे कई हादसों के बावजूद भी लोक निर्माण विभाग सड़क की मरम्मत का कार्य संतोषजनक तरीके से नहीं करा सका, हालांकि इन सबके बीच ग्रामीणों के लिए सुखद खबर ये भी है कि फिलहाल सड़क पर pmgsy विभाग की ओर से थराली से 10 किलोमीटर तक के लिए सड़क मरम्मत के टेंडर लग चुके हैं और मार्च से काम शुरू होने की उम्मीद भी, लेकिन आरटीओ से सड़क पास न होने की वजह से यहां फर्राटा भरने वाले वाहनों की अगर कोई दुर्घटना भी होती है तो परिवहन विभाग के नियमों के अनुसार, प्रभावित मुआवजे का तक हकदार नहीं रह जाता। ऐसे में जरूरत कि है जल्द से जल्द इस मोटरमार्ग का सुधारीकरण ओर परिवहन विभाग द्वारा इस सड़क को पास करे जो अब तक नहीं हो सका है।
(थराली से मोहन गिरी की रिपोर्ट)