फोटो: सोशल मीडिया
गंगोत्री धाम में दर्शन के दौरान हृदयगति रुकने से मुंबई के यात्री मौत हो गई। इसके साथ ही गंगोत्री में अब तक दो और यमुनोत्री में पांच लोग हृदयगति रुकने से दम तोड़ चुके हैं।
अचानक सीने में तेज दर्द की शिकायत हुई। उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि मुंबई निवासी दीपक (62) स्वजन के साथ चारधाम यात्रा पर आए थे। शुक्रवार सुबह गंगोत्री धाम में दर्शनों के दौरान उन्हें अचानक सीने में तेज दर्द की शिकायत हुई। अब तक हृदयगति रुकने से सात यात्रियों की मौत हो चुकी है। स्वजन और पुलिस की टीम ने जब तक दीपक को अस्पताल पहुंचाया, तब तक वह दम तोड़ चुके थे। विदित हो कि गंगोत्री-यमुनोत्री में अब तक हृदयगति रुकने से सात यात्रियों की मौत हो चुकी है।
हार्ट अटैक आने पर कार्डिक एंबुलेंस में मौजूद उपकरणों की सहायता से मरीज को प्राथमिक उपचार दिया जा सकता है। जनपद के स्वास्थ्य विभाग ने अगस्त 2020 में निदेशालय को पत्र भेज कार्डिक एंबुलेंस वापस उत्तरकाशी भेजे जाने का अनुरोध किया था, लेकिन निदेशालय ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
उत्तरकाशी की कार्डिक एंबुलेंस बीते दो वर्षों से दून मेडिकल कालेज में सेवाएं दे रही है, जबकि यहां तीर्थयात्री हार्ट अटैक से जान गंवा रहे हैं। जनपद का स्वास्थ्य विभाग कार्डिक एंबुलेंस को वापस मंगाए जाने के लिए निदेशालय से गुहार भी लगा चुका है। बावजूद इसके कार्डिक एंबुलेंस को वापस नहीं भेजा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यदि एंबुलेंस मिल जाती है, तो इसे यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर तैनात किया जाएगा।
वर्ष 2019 में उत्तरकाशी को कार्डिक एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई थी। उक्त एंबुलेंस कुछ समय तक सीएचसी चिन्यालीसौड़ में तैनात रही, लेकिन जनपद में तकनीकी स्टाफ न होने के कारण इसका प्रयोग नहीं हो पाया। मार्च 2020 में कोरोना काल के दौरान उक्त कार्डिक एंबुलेंस को निदेशालय भेज दिया गया था। तब से यह एंबुलेंस दून मेडिकल कालेज में सेवाएं दे रही हैं। जबकि जनपद में इस समय नितांत आवश्यकता बनी हुई है। चारधाम यात्रा के मात्र तीन दिनों के भीतर यमुनोत्री मार्ग पर पांच तीर्थ यात्रियों की हृदयगति रुकने से मौत हो चुकी है। यदि जनपद में कार्डिक एंबुलेंस उपलब्ध, हो जाए तो हार्ट अटैक से मौत के मामलों में कुछ कमी आ सकती है। कार्डिक एंबुलेंस में मरीज को दिया जा सकता है प्राथमिक उपचार
हार्ट अटैक आने पर कार्डिक एंबुलेंस में मौजूद उपकरणों की सहायता से मरीज को प्राथमिक उपचार दिया जा सकता है। जनपद के स्वास्थ्य विभाग ने अगस्त 2020 में निदेशालय को पत्र भेज कार्डिक एंबुलेंस वापस उत्तरकाशी भेजे जाने का अनुरोध किया था, लेकिन निदेशालय ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। पिछले दो वर्षों से उत्तरकाशी की कार्डिक एंबुलेंस दून मेडिकल कालेज में सेवाएं दे रही है। जनपद में तीर्थयात्री हार्ट अटैक से जान गंवा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि कार्डिक एंबुलेंस वापस मिल जाती है, तो इसे यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर तैनात किया जाएगा।
उत्तरकाशी के डीएम अभिषेक रुहेला के मुताबिक उत्तरकाशी के लिए आवंटित कार्डिक एंबुलेंस को वापस मंगाए जाने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। उम्मीद है कि उक्त एंबुलेंस जनपद को मिल जाएगी। डॉ. केएस चौहान के मुताबिक मार्च 2020 को कार्डिक एंबुलेंस महानिदेशालय के निर्देशानुसार महानिदेशालय भेज दी गई थी। विभाग ने अगस्त 2020 को निदेशालय को पत्र भेज एंबुलेंस वापस उपलब्ध कराए जाने की मांग की थी। लेकिन अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाई है।
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