महाराष्ट्र में बनने जा रही है शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की सरकार? हलचल तेज, ये है सियासी गणित
महाराष्ट्र में जारी सियासी जंग के बीच हर पल एक नई खबर और नया बयान सामने आ रहा है। वहीं शिवसेना 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी हुई है।
शिवसेना ने बीजेपी से दो टूक कह दिया है कि अगर उसे सरकार बनाने के लिए समर्थन चाहिए तो 50-50 फॉर्मूले को लागू करना होगा। शिवसेना के कहने का मतलब ये है कि सरकार में उसकी आधी हिस्सेदारी होगी। आधी हिस्सेदारी का मतलब ये है कि कैबिनेट में उसके आधे मंत्री होने चाहिए। इसके साथ ही ढाई साल शिवसेना और ढाई साल बीजेपी का मुख्यमंत्री होगा। खबरों के मुतबाकि, शिवसेना की इस मांग को बीजेपी ने मानने से इनकार कर दिया है।
ऐसे में सवाल ये है कि आगे क्या हो सकता है? ये सवाल बेहद अहम है। अगर शिवसेना बीजेपी को समर्थन नहीं देती है तो बीजेपी के लिए सरकार बनाना नामुमकिन जैसा है। 288 सीटों की विधानसभा में किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की जरूरत है। बीजेपी के पास 105 विधायक हैं। शिवसेना के पास 56 सीटें है। अगर शिवसेना बीजेपी को समर्थन देती है तो दोनों की सरकार बन सकती है, लेकिन फिलहाल शिवसेना अनपी मांगों पर अड़ी हुई है। ऐसे में इस सूरत में दोनों पार्टियों की फिलहाल सरकार बनती दिखाई नहीं दे रही है।
महाराष्ट्र में दूसरा रास्ता ये है कि कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन अगर शिवसेन को समर्थन देता है तो सरकार बन जाएगी। शिवसेना के पास 56 सीटें हैं। कांग्रेस के पास 44 और एनसीपी के पास 54 सीटें है। अगर तीनों दलों की सीटों को मिला दिया जाए तो 154 का आंकड़ा पहुंच जाएगा। सरकार बनाने के लिए सिर्फ 145 सीटों की ही जरूरत है। शिवसेना ये बखूबी जानती है कि उसके बगैर बीजेपी सरकार नहीं बना सकती है। यही वजह है कि शिवसेना 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी हुई है। उधर, कांग्रेस और एनसीपी का कहना है कि महाराष्ट्र के सियासी हलचल पर उनकी नजर है। अगर बीजेपी और शिवसेना मिलकर सरकार नहीं बनाती हैं तो वो आगे इस पर फैसला लेंगी।
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शुक्रवार को महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और महाराष्ट्र की मौजूदा सियासी हलचल पर चर्चा की। गौर करने वाली बात ये है कि ये नेता मुंबई में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मिलने के बाद दिल्ली में सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे थे। एनसीपी प्रमुख शरद पवार की कांग्रेस नेताओं से पहले गुरुवार को शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत से मुलाकात हुई थी। संजय राउत, शरद पवार के घर खुद मिलने के लिए पहुंचे थे। मुलाकात के बाद राउत ने कहा था कि उनकी पवार से महाराष्ट्र की राजनीति पर चर्चा हुई थी। इस बयान के कई मतलब निकाले जा रहे हैं। सवाल ये है कि महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस सरकार बनाने जा रही हैं?